– सेंट्रल मार्केट कार्रवाई के बीच जागृति विहार और माधवपुरम में भी चस्पा किए नोटिस।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। आवास एवं विकास परिषद इस वक्त शहर में आग भड़काने जैसा काम करने में लग गया है। शास्त्रीनगर के सेंट्रल मार्केट में दो दिन पूर्व हुई कार्रवाई के पूरे शहर का व्यापारी पहले ही नाराज है, अब आवास एवं विकास परिषद ने इस नाराजगी की आग में घी डालने का काम करते हुए अन्य योजनाओं में भी भूउपयोग परिवर्तन के नोटिस चस्पा करा दिए हैं।
आवास एवं विकास परिषद की कार्यप्रणाली हमेशा ही विवादों के घेरे में रही है। पहले सांठगांठ कर अवैध निर्माण कराना और बाद में नोटिस जारी कर दबाव बनाते हुए फिर से अवैध वसूली जैसे तमाम आरोप हमेशा लगते रहे हैं। शास्त्रीनगर का सेंट्रल मार्केट भी इसी सांठगांठ का परिणाम है। यदि समय रहते आवास एवं विकास परिषद ने निष्पक्ष और नियमानुसार कार्रवाई कर दी होती, तो आज जो दंश कांप्लेक्स ध्वस्त होने के बाद व्यापारी झेल रहे हैं, वह नहीं होता।
सिर्फ सेंट्रल मार्केट में ही नहीं, आवास एवं विकास परिषद ने पूरे शास्त्रीनगर में अवैध निर्माण करा दिए। इसके बाद की योजनाओं में भी सांठगांठ का खुला खेल चला और माधवपुरम, मंगलपांडेनगर और जागृतिवहार में भी आवासीय भूखंडों में व्यवसायिक निर्माण खड़े करा दिए। जो साफ दर्शाता है कि यह सब पैसों के लेनदेन के बिना नहीं हुआ है।
अब जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया तो 32 निर्माणें के ध्वस्वीकरण का टेंडर जारी करते हुए एक कांप्लैक्स ध्वस्त भी करा दिया। लेकिन आवास एवं विकास परिषद का खेल इस बिगड़े माहौल में भी चल रहा है। हाल ही में आवास एवं विकास परिषद द्वारा माधवपुरम, जागृति विहार और मंगलपांडे नगर में नोटिस चस्पा कराए गए हैं।
इन नोटिस को लेकर अब चर्चा है कि आवास एवं विकास परिषद के कर्मचारी उगाही करने निकल पड़े हैं। व्यापारियों को 15 दिन के भीतर व्यवसायिक गतिविधि बंद करने की धमकी देकर उनका मानसिक शोषण करने के साथ ही आर्थिक शोषण शुरू कर दिया गया है।

