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Wednesday, December 3, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशLucknowनहीं बढ़ाया जाएगा शिक्षामित्रों का मानदेय

नहीं बढ़ाया जाएगा शिक्षामित्रों का मानदेय

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– 2017 में 3500 से बढ़ाकर किया गया था 10 हजार।


लखनऊ। विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच नोंकझोंक हुई। एक बार आरोप- प्रत्यारोप शुरू हुए तो अगले ही पल ठहाके भी लगे। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि फिलहाल शिक्षामित्रों का मानदेय 2017 से पहले 3500 था, जिसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 10 हजार कर दिया है। अभी मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

दरअसल, सपा विधायक राकेश कुमार वर्मा ने सवाल उठाया कि शिक्षामित्रों का मानदेय काफी कम है। महंगाई को देखते हुए इनका मानदेय बढाया जाए और इन्हें नियमित करने की दिशा में भी कदम बढाया जाए। इसी तरह बच्चों के लिए भोजन बनाने वाली रसोइयां का मानदेय भी बढाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री के कुत्ते को टहलाने वाले व्यक्ति का मानदेय भी शिक्षामित्रों से ज्यादा है। इस पर एक विधायक ने टिप्पणी की कि शिक्षामित्रों की तुलना कुत्ते से करना गलत है। इसी बात को लेकर दोनों तरफ से नोंकझोंक होने लगी।

आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गई। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दोनों पक्षों को समझाबुझाकर शांति कराया। इसके बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया। इसी तरह सपा विधायक समरपाल सिंह ने सवाल किया कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड की तरह अंग्रेजी पढ़ाने के लिए सरकार की क्या योजना है? इसके जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग के स्कूलों में अंग्रेजी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने चुटकी ली कि एक तरह सपा के लोग अंग्रेजी का विरोध करते हैं और दूसरी तरफ अंग्रेजी पढ़ाने के लिए बेचैन हैं।

जल्द ही बनेंगे तटबंध- स्वतंत्र देव

विधानसभा में सपा विधायक स्वामी ओमवेश के सवाल का जवाब देते हुए जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि जहां लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए सर्वे कार्य किया गया है, वहां जल्द ही तटबंध बनाए जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि विधायक ने गंगा नदी की विभिषिका से लोगों को बचाने के लिए दिए गए प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही तटबंध पर कार्य शुरू कराया जाएगा।

अधिवक्ताओं के लिए मुआवजे की व्यवस्था- खन्ना

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि एडवोकेट प्रोटेक्शन अधिनियम का मामला राज्य विधि आयोग में है। अधिवक्ता कल्याण निधि का गठन किया गया है। अधिवक्ता के निधन पर आश्रित को पांच लाख का मुआवजा दिया जाता है। वह सपा विधायक अरमान खान के अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करने और एडवोकेट प्रोटेक्शन अधिनियम के प्रवाधन संबंधी सवाल का जवाब दे रहे थे।

आवास की धनराशि केंद्र से बढ़ेगी

ग्राम विकास राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने सपा विधायक अनिल प्रधान के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की धनराशि केंद्र सरकार से तय है। जब भी वहां से राशि बढाई जाएगी तो उसका फायदा प्रदेशवासियों को मिलेगा।

जनप्रतिनिधियों से मिलने से इनकार नहीं कर सकेंगे अधिकारी

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जनप्रतिनिधियों से मिलने से इनकार नहीं कर सकते हैं। जनप्रतनिधियों द्वारा समय मांगने पर उन्हें हर साल में देना होगा। इस संबंध में दोबारा सभी को निर्देश जारी किया जाएगा। वह नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के सवाल का जवाब दे रहे थे।

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि जिलों में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक ही नहीं अन्य अधिकारी भी विधायकों को मिलने का समय नहीं देते हैं। वे वीडियो कांफ्रेसिंग में व्यस्त होने का हवाला देते हैं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि वीडियो कांफ्रेसिंग की व्यवस्था के सुधारात्मक परिणाम सामने आए हैं। टीए व डीए मद में करीब 17 करोड़ रुपये की बचत हुई है। जिलों से अधिकारियों को मुख्यालय बुलाने के बजाय वीडियो कांफ्रेसिंग की सुविधा की गई है। 10 से 12 के बीच लोगों से मिलने का निर्देश है। सभी को यह भी निर्देशित किया गया है कि विभिन्न योजनओं के क्रियांवयन में भी जनप्रतनिधियों की सहयोग लिया जाए।

 

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