शारदा न्यूज़, मेरठ: सर्दी की वजह से सांस और टीबी रोगियों की दिक्कत बढ़ गई है। लगातार खांसने या तेज खांसने से उनके फेफड़ों में छेद हो जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के वक्ष रोग विभाग में ऐसे कई मरीज भर्ती कराए गए हैं। वक्ष एवं क्षय रोग विभागाध्यक्ष ने बताया कि सर्दी में नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं। सांस और टीबी के मरीजों को खांसी और बलगम की शिकायत रहती है। लगातार खांसने और तेज खांसने से फेफड़ों पर जोर पड़ता है और छेद हो जाता है। तीन दिन में ओपीडी में आए 30 मरीजों में से 12 इसी के हैं। फेफड़े में ट्यूब डालकर इन्हें उपचार दिया जा रहा है। तीन की हालत नाजुक है।
मेडिकल के चिकित्सकों ने बताया कि जुकाम, खांसी, गले में खराश, सीने में जकड़न और सांस लेने में परेशानी के मरीजों की संख्या 50-55 फीसदी है। इनमें सांस, दमा के भी मरीज हैं। कई ऐसे भी मरीज हैं, जिनकी इन्हेलर की डोज बढ़ानी पड़ रही है। डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि ऐसे मरीजों को सर्दी से बचना चाहिए और दवाएं नियमित लेनी चाहिए।
मेडिकल में नये साल में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ज्यादा मरीज गले, खांसी से जुड़े हुए हैं। गलन वाली ठंड के चलते ही मरीजों की संख्या बढ़ रही है।