निगम पिटाई मामले में चारों तरफ से घिरती नजर आ रही भाजपा।
शारदा न्यूज, रिपोर्टर |
मेरठ। नगर निगम में सपा-बसपा पार्षद पिटाई प्रकरण भाजपा के गले की फांस बन गया है। एक तरफ जहां महापौर चार दिन बीतने के बाद भी जांच कमेटी गठित नहीं कर पाए हैं, वहीं भाजपा पार्षद पवन चौधरी की तहरीर पर कोतवाली थाना में अभी तक रिपोर्ट भी दर्ज नहीं हुई है। इस बेबसी में फंसी भाजपा अब चारो तरफ से घिरती नजर आ रही है।
शनिवार को नगर निगम बोर्ड बैठक में पार्षदों के बीच किसी बात को लेकर गहमागहमी हो गई थी। इस विवाद में बोर्ड के पदेन सदस्य एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज बीचबचाव करने पहुंच गए, जिसमें विपक्षी पार्षदों ने उनके साथ भी धक्का मुक्की कर दी।
इससे आक्रोशित भाजपा पार्षदों के साथ ही वहां मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने सपा-बसपा पार्षदों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस मारपीट में कार्यकर्ताओं के साथ एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज और राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने भी मारपीट की। इस मामले में शनिवार को ही महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने जांच कमेटी गठित करने की बात कही थी। लेकिन चार दिन बीतने के बाद भी जांच कमेटी गठित नहीं हो पाई है।
वहीं दूसरी ओर इस प्रकरण में सपा-बसपा पार्षद अभिषेक और कुलदीप की तरफ से नामजद तहरीर दी गई थी। जिसमें रविवार को पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन भाजपा पार्षद पवन चौधरी की तहरीर पर अभी तक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
एसएसपी के बाद आईजी से मिले भाजपाई
इस पूरे मामले में रविवार को भाजपा महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन के नेतृत्व में भाजपाई एसएसपी डा. रोहित सजवाण से मिले। वहीं मंगलवार को आईजी नचिकेता झा से मुलाकात की। इस दौरान जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा, पं. सुनील भराला, विनय विरालिया, पार्षद रेखा सिंह सहित कई भाजपा पार्षद मौजूद रहे।
आईजी से मिलने के बाद महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने बताया कि वह आईजी से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए मिले हैं। उन्होंने बताया कि 30 दिसंबर को टाउन हॉल स्थित सभागार में नगर निगम, मेरठ के पुनरिक्षित बजट 2023-2024 हेतु बैठक चल रही थी। जिसमें पार्षद फजल करीम, आसिफ सैफी एवं रिजवान अंसारी ने महिला पार्षदों के प्रति अभद्र टिप्पणी की और अनुसूचित वर्ग के पार्षदों पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक रूप से अपमानित किया।
इसी समय कुलदीप कुमार उर्फ कीर्ति घोपला एवं अशीष चौधरी पार्षदों द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार एवं अभद्रता की गयी। भाजपा पार्षद पवन चौधरी द्वारा इसकी तहरीर थाना देहली गेट में उसी समय ही दे दी गयी थी। जिसमें अभी तक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नही की गयी है और न ही इस सम्बन्ध में कोई कानूनी कार्यवाही की गयी है।
उन्होंने कहा कि हमारे अनुसूचित वर्ग तथा महिला पार्षदगण इस समय अपने आप को अपमानित महसूस कर रहें है। उपरोक्त अभियुक्तगण अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति है। इनका पूर्व का इतिहास जाँच कर कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
दबाव में हुआ एडीजी का स्थानांतरण
वहीं इस मामले के दौरान ही एडीजी राजीव सब्बरवाल का स्थानांतरण भी चर्चा में आ गया है। हालांकि उन्हें मेरठ परिक्षेत्र में करीब साढ़े तीन साल हो चुके थे और चुनाव से पहला उनका स्थानांतरण होना था। लेकिन उन्हें पीटीएस मुरादाबाद भेजा जाना सभी को चौंका रहा है। इस मामले में आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर का कहना है कि यह स्थानांतरण भाजपा के दबाव में है। क्योंकि सरधना में विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक ठा. संगीत सोम के भाई के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट में पुलिस दबाव में थी, लेकिन एडीजी के लगातार पर्यवेक्षण के कारण अक्तूबर 2023 में उसमें चार्जशीट दाखिल हुई। वहीं नगर निगम मामले में भी एडीजी लगातार न्यायपूर्ण कार्रवाई के लिए स्वयं पर्यवेक्षण कर रहे थे। इसी कारण उनका ट्रांसफर किया गया है।