मेडिकल में तीमारदारों से मारपीट प्रकरण में गार्डो की चूक: डा. आरसी गुप्ता

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  • सोमवार देर रात मेडिकल इमरजेंसी में एक बच्चे के परिजनों को डाक्टर्स ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था।
  • मामले को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल ने रखा अपना पक्ष।

शारदा न्यूज़, मेरठ। लाला लाजपत रॉय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में डाक्टरों द्वारा तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने के मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल ने अपना पक्ष रखा। प्रिंसिपल ने बताया किसी भी मरीज के साथ एक से अधिक तीमारदारों का आना इस तरह की घटना के लिये ज्यादा जिम्मेदार है। जबकि डाक्टरों का व्यवहार भी संतोषजनक नहीं था इस वजह से यह घटना हुई।

 

मेडिकल में तीमारदारों से मारपीट प्रकरण, तीन जूनियर डाक्टर्स अग्रिम आदेश तक निलंबित | Video || sharda news

 

 

सोमवार देर रात किला परीक्षितगढ़ का एक परिवार अपने छह साल के बेटे को लेकर मेडिकल इमरजेंसी में पहुंचा था। बताया जा रहा है बच्चे का एक हाथ चारा काटने की मशीन में आने के बाद जख्मी हो गया था जिसका इलाज कराने परिवार बच्चे को लेकर पहुंचा था। इसी बीच मेडिकल इमरजेंसी में मौजूद जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों की बच्चे के परिजनों से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। बात बढ़ने पर डाक्टरों ने परिजनों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

 

डा. आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज, मेरठ।
डा. आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज, मेरठ।

 

– तीमारदारों की अधिक संख्या घटना की वजह

प्रकरण को लेकर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. आरसी गुप्ता का कहना है घटना बेहद दुखद है। डाक्टरी जैसे पेशे से जुड़े लोगों को इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए। डाक्टरों के अंदर सहनशक्ति होना जरूरी है। हालांकि इस मामले में मरीज के साथ आए तीमारदारों की ज्यादा संख्या भी बड़ी वजह है। इलाज करते समय डाक्टर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसी दौरान तीमारदारों ने डाक्टरों के साथ बदसलूकी करनी शुरू कर दी। इससे बौखलाए डाक्टरों ने उनके साथ मारपीट कर दी जो दुखद है।

– गार्डो की कम संख्या भी बड़ी वजह

मेडिकल में रोजाना करीब तीन से चार हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते है। जबकि यहां सुरक्षाकर्मियों की संख्या न के बराबर है। इमरजेंसी के गेट पर एक पुलिस चौकी बनाई गई है जिसमें नाममात्र के लिए पुलिसकर्मी रहते है। दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन के पास अपने सुरक्षागार्ड नहीं है जो मरीजों के साथ आए तीमारदारों की संख्या पर नजर रख सके। घटना की यह सबसे बड़ी वजह है।

– एक सप्ताह में आएगी जांच रिपोर्ट

मेडिकल के प्रिंसिपल डा. आरसी गुप्ता ने बताया पूरे प्रकरण को लेकर उन्होंने आर्थोपेटिक विभाग के एचओडी डा. ज्ञानेश्वर टोंक की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की जांच कमेट गठित कर दी है। कमेट एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देगी जिसके बाद दोषी पाए जाने पर तीनों डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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