- लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज के सभागार मे आयुष्मान भव कार्यक्रम आयोजित हुआ।
- सांसद ने निकक्ष मित्रों को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित।
शारदा न्यूज़, संवाददाता |
मेरठ। आज आयुष्मान भव कार्यक्रम का शुभारम्भ वर्चुअल माध्यम से भारत की माननीय राष्ट्रपति महोदया के द्वारा किया गया। इस अवसर पर लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कालिज के सभागार मे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा0 विनीता शर्मा द्वारा किया गया।
उन्होने बताया कि 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2023 तक सेवा पखवाडा का आयोजन किया जायेगा। सेवा पखवाडा के अंतर्गत स्वच्छ भारत अभियान, रक्तदान महादान, अंगदान शपथ जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
आयुष्मान आपके द्वार 3.0-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत छुटे हुए पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा, आयुष्मान मेला-हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पी0एच0सी0 पर प्रत्येक रविवार को आयुष्मान मेला आयोजित किया जायेगा।
इसी प्रकार प्रत्येक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर उपकेन्द्र पर प्रत्येक शनिवार को आयुष्मान मेला आयोजित किया जायेगा, जिसकी कार्ययोजना इस प्रकार हैं-प्रथम सप्ताह में गैर संचारी रोगों से सम्बंधित, द्वितीय सप्ताह में टी0बी0, कुष्ठ एवं अन्य संचारी रोगो से सम्बंधित, तृतीय सप्ताह में मातृ एवं बाल स्वास्थ्य तथा पोषण से सम्बंधित, चतुर्थ सप्ताह में राज्य/जनपद की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप (जन जातीय क्षेत्रों में सिकल सेल तथा गैर जन जातीय क्षेत्रों में नेत्र देखभाल) स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जायेगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरीय साप्ताहिक स्वास्थ्य मेले में मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञो द्वारा चक्रानुक्रम में सेवायें प्रदान की जायेंगी।
आयुष्मान सभा-आयुष्मान सभा ग्राम/वार्ड स्तर पर वी0एच0एस0एन0सी0/नगरीय स्थानीय निकाय के नेतृत्व मे 02 अक्टूबर 2023 को आयोजित की जायेगी। आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं आयुष्मान अर्बन वार्ड-आयुष्मान ग्राम पंचायत से उन ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया जायेगा, जिन्होंने शत-प्रतिशत उपलब्धि निम्न सूचकांको पर प्राप्त की होगी। प्रत्येक 05 साल की आयु से अधिक पात्र लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड का वितरण/आभा आईडी, 30 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति की गैर संचारी रोगों (मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप) हेतु जॉच, क्षयरोग के सम्भावित मरीजो की जॉच, क्षयरोगो के मीरजो का सफलता पूर्वक उपचार (85 प्रतिशत से अधिक)