एजेंसी,चंडीगढ़- दीपावली पर हरियाणा और एससीआर की जनता को दमघोंटू प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने कड़ी सख्ती की है। पराली जलाने के आरोपित किसानों पर जहां 100 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, वहीं 360 किसानों के चालान काटे जा चुके हैं।
सरकार की यह कार्रवाई सिर्फ किसानों पर ही नहीं हुई, बल्कि अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वाह नहीं करने वाले नोडल अधिकारियों के विरुद्ध भी सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। प्रदेश सरकार ने ऐसे 25 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
अधिकारियों पर पहली बार हुई इतनी बड़ी कार्रवाई
प्रदेश में इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है, जब अधिकारियों को प्रदूषण फैलाने के प्रति जवाबदेह माना गया है। इन अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में न तो ठीक से निरीक्षण किया और न ही किसानों को पराली जलाने से रोकने में सफलता हासिल की।करीब 250 अधिकारियों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस देकर सरकार ने उनसे जवाब मांगा है। पराली जलाने वाले किसानों से करीब 10 लाख रुपये जुमार्ने के रूप में वसूल किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी कड़ी टिप्पणी
हरियाणा सरकार ने किसानों व अधिकारियों पर यह सख्ती सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद की है। हरियाणा व पंजाब के मुख्य सचिवों को सुप्रीम कोर्ट ने पिछली पेशी पर गैर जिम्मेदार ठहराते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी थी। एनसीआर में प्रदूषण चरम पर पहुंचा हुआ है।
हालांकि इस प्रदूषण में पराली जलाने की घटनाएं 13 से 17 प्रतिशत के दायरे में आती हैं, लेकिन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के चलते दिल्ली सरकार अक्सर हरियाणा पर सवाल खड़े करती रही है। यह स्थिति तब है, जब राज्य में पिछले सालों की अपेक्षा पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है।