Tuesday, June 17, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutहर और हरि एक हैं, यही सनातन धर्म की विराटता

हर और हरि एक हैं, यही सनातन धर्म की विराटता

  • शताब्दीनगर में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा को सुनने भीड़ बढ़ रही।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। शताब्दी नगर में चल रही शिव महापुराण में प्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हर और हरि एक ही हैं। शंकर ही हरि हर का रूप है। शास्त्रीनगर बी ब्लाक निवासी कुसुम राजबाला के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि तुलसी और रुद्राक्ष की माला एक साथ धारण की जा सकती है। इसे ऐसा समझना चाहिए डबल इंजन की सरकार, कहा सनातन धर्म की यही विराटता और सुंदरता है 32 कोटि देवी देवता हैं अपनी इच्छा अनुसार किसी की भी पूजा करो। कहा सनातन धर्म का जन्म लेकर हमें इसकी दिव्यता को अनुभव करना चाहिए, दूसरे धर्म की निंदा नहीं करनी चाहिए लेकिन अपने धर्म से विमुख नहीं होना चाहिए, शिव के सिवा कहीं दिल न लगना वरना पड़ेगा तुझे आंसू बहाना भजन सुना कर भक्ति भाव से सराबोर कर दिया।

प्रदीप मिश्रा ने भगवान शिव के विष पान की कथा सुनाई। कहा भगवान शिव देवों का लाया हुआ विष का पान करते हैं, पर उनके कंठ में जगदंबा स्वयं विराजमान होकर संपूर्ण विष को अपने हाथों में ले लेती है। उनका कंठ नीला पड़ जाता है। कहा हम जिस देवी देवता की स्तुति करें कृपा करने से पहले उन्हें महादेव से अनुमति लेनी पड़ती है। इसीलिए उन्हें महादेव कहा जाता है। कहा पितृ पक्ष में हम अपने पित्रों को याद करते हैं। उनके निमित्त भोजन निकालते हैं और दान करते हैं। पित्रों को भी हमारे घर में सुख शांति बनी रही यह वरदान देने के लिए भी के लिए शिव की अनुमति लेनी पड़ती है। एक लोटा जल हम भगवान शिव पर चढ़ाते हैं। उसका कुछ अंश को भी जाता है। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि पार्वती ने उबटन से पुतला बना कर उसमें प्राण फूंके और विनायक का जन्म हुआ।

बताया जब पार्वती स्नान कर रही होती हैं तो विनायक भगवान शंकर को प्रवेश से रोक देते हैं जिस पर क्रोध में आ कर वह उनका सिर काट देते हैं। पार्वती के रौद्र रूप को देखकर भगवान शंकर ने हाथी का शीश लगाकर उन्हें जीवित करते हैं। कथा स्थल पर लोग तड़के सुबह से ही जगह आरक्षित करने के लिए पहुंच रहे हैं। कथा सुनने वालों में महिलाओं, पुरुषों के साथ युवाओं की संख्या भी काफी अधिक हैं। उन्होंने कहा जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं और जो विष का विषपान करते हैं उन्हें देवाधिदेव महादेव शिव कहते हैं। संसार में शिव ही एकमात्र सरालय, अनादि, अनंत और भगवंत है। पं. प्रदीप मिश्रा ने शिव समुद्र मंथर से निकले विषपानका प्रसंग सुनाया। इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु कथा स्थल पर पहुंचे। हर तरफ भक्ति से भावविभोर शिव भरु कथा का रसपान करते नजर आए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments