Home उत्तर प्रदेश Meerut सतर्क होता प्रशासन तो नहीं जाती चार लोगों की जान !

सतर्क होता प्रशासन तो नहीं जाती चार लोगों की जान !

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Had the administration been alert, four people would not have lost their lives.
  • लोहिया नगर स्थित कथित साबुन फैक्ट्री में हुए विस्फोट का मामला।
  • अग्निशमन, उद्योग सहित श्रम विभाग पर भी उठ रही अंगुलियां।

शारदा न्यूज, संवाददाता |

मेरठ। लोहियानगर में बड़ा हादसा हो गया, तमाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतना बड़ा हादसा आखिर हुआ कैसे? इस फैक्ट्री में आखिर क्या बन रहा था या क्या स्टॉक किया गया था? जो इतना बड़ा विस्फोट हुआ कि पूरा भवन भरभराकर गिर गया और चार जान चली गई। वहीं कुछ लोग यहां पर आतिशबाजी का भी बड़ा स्टॉक मौजूद होने की बात कर रहे हैं।

 

लोहिया नगर स्थित कथित साबुन फैक्ट्री में हुए विस्फोट का मामला

 

कथित साबुन फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद तमाम सवाल उठ रहे हैं, लेकिन जवाब देने के लिए पुलिस प्रशासन सामने नहीं आ रहा है। अहम बात तो ये है कि आतिशबाजी के सारे सुबूत सामने आने के बाद भी अधिकारी अभी भी साबुन और केमिकल के बीच उलझे हुए हैं।

 

 

मौके पर मिली जानकारी के अनुसार करीब 150 वर्ग गज के दो मंजिला भवन के भूतल पर साबुन फैक्ट्री संचालित थी और प्रथम तल पर आतिशबाजी का स्टॉक रखा जाता था। दोनों ही जगह पर एक दर्जन से ज्यादा मजदूर काम करते थे और सभी बिहार के रहने वाले बताए जाते हैं। हालांकि यह भी शक जाहिर किया जा रहा है कि यहां पर आतिशबाजी के स्टॉक के साथ आतिशबाजी बनाई भी जाती थी। क्योंकि जितना तेज धमाका हुआ है, वह स्टॉक से नहीं बल्कि बनाते वक्त ही हो सकता है।

लोहियानगर में बड़ा हादसा हो गया

अब सवाल ये उठता है कि एक पूरी तरह से अवैधानिक काम यहां पर संचालित हो रहा था, लेकिन किसी को भी कानोकान खबर क्यों नहीं हुई। जबकि पुलिस और प्रशासनिक विभाग का अपना खुफिया तंत्र रहने के साथ ही मुखबिर तंत्र भी है। लेकिन यहां सब फेल हो गए।
मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो पुलिस को पता था कि यह अवैध कारोबार यहां संचालित होता था, लेकिन अपनी जेब गर्म करने के फेर में कभी किसी ने इसकी गंभीरता को नहीं देखा और यह अवैध जानलेवा काम संचालित रहा।

 

लोहियानगर में बड़ा हादसा हो गया

साबुन फैक्ट्री संचालन के भी नियम हैं, केमिकल का प्रयोग होने के चलते अग्निशमन विभाग की एनओसी, लेबर डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन के साथ अन्य औपचारिकताएं पूरी होती हैं, जिसके लिए अधिकारी या उनके अधिनस्थ मौका मुआयना भी करते हैं। लेकिन इस फैक्ट्री को देखकर लगा कि मानो इसका संचालन भी अवैध रूप से ही हो रहा था। ऊपर से आतिशबाजी का इतना बड़ा स्टॉक कैसे हो रहा था? यह सवाल सभी के जहन में उठ रहा है।

लोहियानगर में बड़ा हादसा हो गया

 

जांच में आएंगे तथ्य सामने

यदि प्रशासन इस घटना के संबंध में पैनल बनाकर निष्पक्ष जांच कराता है तो सारे तथ्य सामने आने के साथ ही किसकी शह पर यह काम हो रहा था, इसका भी खुलासा हो सकता है।

 

प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

अभी भी कई जगह हैं मौत के स्टॉक

पुलिस प्रशासन अगर अभी भी सचेत नहीं हुआ तो भविष्य में भी ऐसी जानलेवा घटनाएं हो सकती हैं। क्योंकि मेरठ शहर ही नहीं देहात तक आतिशबाजी का बड़ा स्टॉक इकट्ठा हो चुका है। जो लोगों की नजरों में तो है, लेकिन पुलिस प्रशासन अनजान बना हुआ है। जबकि वास्तविकता कुछ और ही है।

 

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