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Saturday, November 22, 2025
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HomeWorld Newsएच1बी वीजा: ट्रंप ने लगाया 1 लाख डॉलर का शुल्क

एच1बी वीजा: ट्रंप ने लगाया 1 लाख डॉलर का शुल्क

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– भारत के आईटी सेक्टर पर पड़ेगा बुरा असर।

एजेंसी, नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अब कंपनियों को एच1बी वीजा के जरिए विदेशी कर्मचारियों को स्पॉन्सर करने के लिए हर साल 100,000 डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) का शुल्क देना होगा। अमेरिका की सरकार के मुताबिक, इस बदलाव का मकसद यह सुनि›ित करना है कि यह वीजा प्रोग्राम अपने असली उद्देश्य को पूरा करे, यानी टेक्नोलॉजी, साइंस, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स जैसे क्षेत्रों में दुनिया के सबसे काबिल लोगों को अमेरिका लाने में मदद करे। माना जा रहा है कि ट्रंप सरकार के इस कदम का भारतीयों पर बड़ा असर पड़ सकता है।

एच1बी वीजा एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसके जरिए कंपनियां उन विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में नौकरी दे सकती हैं, जिनके पास खास स्किल्स हैं और जिनके जैसी प्रतिभा अमेरिका में आसानी से नहीं मिलती। लेकिन कई सालों से इस प्रोग्राम की आलोचना हो रही है। कुछ लोग कहते हैं कि कंपनियां इसका गलत फायदा उठाती हैं और कम सैलरी पर विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देती हैं। उदाहरण के लिए, जहां अमेरिकी टेक कर्मचारी को 6 अंकों की सैलरी (लगभग 1 लाख डॉलर या उससे ज्यादा) मिलती है, वहीं एच1बी वीजा पर आने वाले कई कर्मचारियों को 60,000 डॉलर से भी कम सैलरी दी जाती है।

व्हाइट हाउस के स्टाफ सेक्रेटरी विल शार्फ ने कहा एच1बी वीजा प्रोग्राम का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। यह प्रोग्राम उन अति-कुशल कर्मचारियों के लिए है, जो ऐसे क्षेत्रों में काम करते हैं जहां अमेरिकी कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं। नया नियम कंपनियों से एच1बी कर्मचारियों को स्पॉन्सर करने के लिए 100,000 डॉलर का शुल्क लेगा। इससे यह सुनि›ित होगा कि केवल वही लोग आएंगे जो वाकई बहुत काबिल हैं और जिनकी जगह अमेरिकी कर्मचारी नहीं ले सकते।

 

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