- श्रावण मास कांवड़ यात्रा के अंतिम दिन हर तरफ दिखाई दिया कांवड़ियों का रैला,
- कांवड़ मार्ग पर और दिन से ज्यादा लगे कांवड़ शिविर।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। सावन माह में कावड़ यात्रा का भव्य नजारा मेरठ के विभिन्न हाईवे पर देखने को मिल रहा है।जहां भोले भक्त कांवड़िए आस्था के सैलाब में बम-बम भोले के जयकारों के उद्घोष करते नजर आ रहे हैं। भोले बाबा के प्रति भक्ति और स्नेह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, 10 साल से लेकर 75 साल तक के भोले भगवान शिव को मन में लिए और होटों पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का नाम लिए लगातार अपने गंतव्य की तरफ बढ़ रहे हैं। जबकि, कई भोले बाबा की भक्ति में लीन होकर अपने गंतव्य में तक दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
दिल्ली के सुल्तानपुरी के रहने वाले भोले मनोज कुमार बताते हैं कि वह हरिद्वार से अपने दोस्तों के साथ पैदल जल लेकर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कलश में वह सभी 240 लीटर जल लेकर आए हैं, जो अलग-अलग कलश में भरा हुआ है। जबकि द्वारका के रहने वाले विनीत भोले ने बताया कि अलग-अलग कांवड़ कलश में 11, 21, 51, 101 लीटर गंगाजल है। वह कहते हैं कि, जब कंधों पर बाबा के जयकारों के साथ गंगाजल को रखते हैं, तो अपने आप में ही नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। वह बम-बम भोले के जयकारों के बीच हरिद्वार से मेरठ तक पैदल जल लेकर पहुंच चुके हैं। अब वह दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं, जहां वह शिवरात्रि पर भोले बाबा को जलाभिषेक करेंगे।
जब भोले भक्तों से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि कोई मन्नत नहीं मांगी है। सिर्फ भोले बाबा को गंगोत्री, हरिद्वार, ऋषिकेश के गंगा जल से अभिषेक कराना चाहते हैं, इसलिए वह इतना जल लेकर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वह जल लेकर निकले तो उन्होंने खुद भी नहीं सोचा था कि वह इतना जल उठा लेंगे। लेकिन, बाबा की शक्ति अपार है, जो वह इतनी बड़ी संख्या में कलश को लेकर अपने घर तक जा रहे हैं। जबकि बाबा के आशीर्वाद के लिए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।