– हस्तिनापुर विधानसभा से रह चुके हैं विधायक
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। कभी भाजपा से चुनाव जीतकर विधायक बने गोपाल काली कांग्रेस से होते हुए अब रालोद के पाले में पहुंच गए हैं। हस्तिनापुर में गोपाल काली की हस्तिनापुर के दलितों में खासी पकड़ मानी जाती है।
गोपाल काली 1993 में हुए चुनाव में हस्तिनापुर सीट पर भाजपा से निर्वाचित हुए थे। लेकिन 1996 के चुनाव में ऐन मौके पर उनका टिकट काट दिया गया और अतुल खटीक को प्रत्याशी बना दिया गया। इसके बाद उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया। जिसके चलते गोपाल काली ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और हस्तिनापुर सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2022 के विधानसभा चुनाव में वह सपा में शामिल हो गए। लेकिन अब सपा को भी अलविदा कहते हुए उन्होंने रालोद का दामन थाम लिया है।
रालोद में रहते हुए भी गोपाल काली की राह आसान नहीं रहेगी। क्योंकि हस्तिनापुर सीट पर लगातार दो बार से भाजपा के दिनेश खटीक जीतते हुए आ रहे हैं और इस समय राज्यमंत्री भी हैं। ऐसे में साफ है कि भविष्य में भी भाजपा हस्तिनापुर सीट को अपने ही पास रखेगी। लेकिन यह बात साफ है कि रालोद को लोकसभा चुनाव में गोपाल काली के आने से जरूर फायदा मिलेगा।