Tuesday, July 8, 2025
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बोर्ड की परीक्षा के दौरान हल्का-सुपाच्य हो खानपान

– तनाव से रहें दूर, भरपूर लें नींद और करें मेडिटेशन


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। बोर्ड परीक्षाओं से पहले चाहे मनोविज्ञान के ज्ञाता कितना ही कहें कि परीक्षाओं से छात्रों को तनावग्रस्त नहीं होना चाहिए, क्योंकि इन परीक्षाओं से जिंदगी का इम्तिहान नहीं पास होता। बावजूद इसके बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्र ही नहीं, उनके घरवाले भी तनावग्रस्त रहते हैं। क्योंकि हमारे भारत में तमाम जानकारी के बावजूद व्यावहारिक जीवन में कैरियर का संकट है, जिसके चलते कोई भी छात्र कम अंकों से पास होने का जोखिम नहीं लेना चाहता। फिर चाहे ज्यादातर छात्र सेकेंड डिवीजन या उससे भी नीचे की कैटेगरी में पास हों, लेकिन कोई भी छात्र इन परीक्षाओं में बेहतर ग्रेड या अंक प्रतिशत से पास होने की भरपूर कोशिश करता है। यही वजह है कि परीक्षाओं के महीनों पहले से शुरू हो जाने वाले मोटिवेशनल माहौल के बावजूद छात्रों को इस दौरान कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां विशेषकर एंग्जाइटी और पाचन खराब जैसी स्थितियों से गुजरना पड़ता है।

 

 

संतुलित और स्वास्थ्यवर्द्धक खान-पान

परीक्षा का दबाव या तनाव तो हर छात्र में होता ही है। इसलिए क्यों न ऐसे तनाव को दूर करने के लिए कुछ ऐसी ठोस बातों पर ध्यान दें, जिनका रिश्ता भावनाओं से नहीं बल्कि सीधे उन चीजों से है, जो अपच, पेट खराब, एंग्जाइटी, जैसी परेशानियों का कारण हैं। इसके लिए बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चों को तले-भुने और मिर्च-मसालेदार हैवी खाने से बचाना चाहिए। इस दौरान उन्हें विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर हेल्दी डाइट देनी चाहिए। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मां-बाप को चाहिए कि वे बच्चों को समय पर खाना खिलाने की कोशिश करें और यह भी कि उनके खाने में पौष्टिक खाद्य पदार्थों का संतुलन हो। मसलन इन दिनों इन्हें डेरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, टोफू के साथ ही अंडा, होल ग्रेंस और हरी सब्जियां खिलानी चाहिए, जिससे उन्हें जरूरी प्रोटीन, कार्ब और फाइबर मिल सके। पैरेंट्स को इस दौरान बड़ी कड़ाई से बच्चों के समय पर खाने और सोने पर नजर रखनी चाहिए। पौष्टिक खाने की तरह ही अच्छी नींद भी इस दौरान उन्हें तरोताजा रखने के लिए जरूरी होती है।

ताजा हल्का खाना, सेहतमंद पेय

बोर्ड परीक्षाओं के दौरान इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि बच्चे बहुत गरिष्ठ खाना न खाएं और उनके शरीर में पानी की कतई कमी न रहे। इसलिए उन्हें हर एक घंटे के बाद कोई सेहतमंद पेय पीने को दें। जैसे अलग&अलग फ्लेवर के ग्लूकोज, नींबू पानी, बादाम, एप्पल या चीकू शेक, गाजर या चुकंदर का जूस, छाछ, लस्सी, नारियल पानी आदि। इससे उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और वे फ्रेश व एनर्जेटिक महसूस करेंगे। इडली, डोसा, खमन जैसे प्रोबायोटिक फूड भी बच्चों को इन विशेष दिनों में दिए जा सकते हैं।

पैरेंट्स ध्यान रखें कि बच्चे इन दिनों भोजन धीरे-धीरे और चबाकर खाएं ताकि वह आसानी से पच सके। मांएं खास तौरपर ध्यान रखें कि इन दिनों बच्चों को बासी खाना गर्म करके न खिलाएं, हमेशा उन्हें ताजा खाना ही दें। इससे उन्हें भोजन के समस्त पौष्टिक तत्व उसे प्राप्त हो सके।

फलों का सेवन

तरबूज, खरबूजा, संतरा, स्ट्रोबेरी, मोसंबी, पालक, पत्तागोभी, ब्रोकली आदि फल और सब्जियों का सलाद भी इन दिनों बच्चों को खिलाना चाहिए। उन्हें रायता दें जिसमें सब्जियां और फल हों। इससे उन्हें कैल्शियम, विटामिन्स और पानी एक साथ मिल जाएंगे।

क्या नहीं खाएं इम्तिहान के दिनों में

जिस तरह से यह जरूरी है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चों को क्या खाने देना चाहिए, उसी तरीके यह भी जरूरी है कि इस दौरान मां-बाप उन्हें अनहेल्दी फूड न खाने दें। मसलन- पिज्जा, हॉट डॉग, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सैंडविच, कुकीज केक, मफिंस आदि मैदे से बने खाद्य पदार्थ बच्चों को बिल्कुल न खाने दें। क्योंकि ये जल्दी पचते नहीं और बच्चे आलस भी महसूस करते हैं। इसी तरह चॉकलेट, कैंडी, आलू, सूरन और अरबी तथा बहुत अधिक तले पदार्थ बच्चों को शारीरिक रूप से शिथिल बनाते हैं, जिससे बच्चों का मन पढ़ाई या किसी काम में नहीं लगता, इसलिए उन्हें इनसे दूर रखें।

 

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