– रेलवे ऑफिस में सीबीआई की रेड, ठेकेदार ने शिकायत की थी।
लखनऊ। सीबीआई ने डीआरएम आफिस में छापा मारा। टीम ने उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मिशन गति शक्ति प्रोजेक्ट में तैनात महिला रेलकर्मी को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। सीबीआई के छापे से सोमवार शाम को डीआरएम ऑफिस में काफी देर तक अफरातफरी मची रही और अधिकारी और कर्मचारी परेशान रहे। रेलवे की इंजीनियरिंग अनुभाग में अंजुम निशा बाबू है। आरोप है कि एक बिल पास कराने के लिए महिला बाबू ने ठेकेदार से रिश्वत मांगी थी।
सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार का करीब 3 करोड़ रुपए का बिल अटका हुआ था। अंजुम निशा ने बिल पास करने के एवज में 1 प्रतिशत कमीशन, यानी करीब 3 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार बीते दो महीने से लगातार लखनऊ से दिल्ली तक चक्कर काट रहा था।
ठेकेदार ने सीधा रिश्वत देने के बजाय इसकी शिकायत दिल्ली स्थित उइक मुख्यालय में दर्ज कराई। शिकायत की पुष्टि के बाद दिल्ली और लखनऊ की संयुक्त टीम ने मिलकर जाल बिछाया।
तय योजना के तहत सोमवार शाम करीब साढ़े चार बजे डीआरएम आॅफिस के अंदर गतिशक्ति के सिविल इंजीनियरिंग सेक्शन में ठेकेदार ने महिला बाबू को एक लिफाफे में कैश सौंपा। जैसे ही महिला ने लिफाफा पकड़ा, सीबीआई की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली सीबीआई को मिली भ्रष्टाचार की 5 शिकायतें
लखनऊ में यह कार्रवाई अचानक नहीं हुई है। सूत्र बताते हैं कि सीबीआई को दिल्ली मुख्यालय पर मिशन गति शक्ति प्रोजेक्ट से जुड़ी कम से कम पांच अलग-अलग शिकायतें मिली थीं।इन शिकायतों में छोटे रेलवे स्टेशनों के कागजी काम दिखाकर भुगतान लेने, रिनोवेशन प्रोजेक्ट में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल और सबसे प्रमुख रूप से बिल पास कराने में घूस की मांग की बात कही गई थी। इन शिकायतों की जांच के बाद ही दिल्ली और लखनऊ की संयुक्त टीम ने इस छापेमारी की योजना बनाई।