Monday, October 13, 2025
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भगवत भक्ति के लिये मन में भाव जरुरी : स्वामी अभयानंद सरस्वती

  • मनोज कुमार गुप्ता समेत तमाम श्रद्धालु मौजूद थे।

मेरठ। गढ़ रोड राधा गोविंद मंडप में आयोजित अखिल भारतीय संत समिति अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती ने श्रीमद् भागवत पुराण का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि भागवत नाम इसलिए क्योंकि यह भगवान की कथा है। भगवान की भक्ति के लिए भी मन में भाव आवश्यक है। जीव के लिए कर्तव्य आवश्यक हैं। सुख और दुख तो आते रहते हैं। जीवन में आई सभी समस्याओं का निवारण भागवत है। कथा आरंभ से पूर्व कलश यात्रा निकाली गई। इसमें महिलाएं पीतांबर वस्त्र पहनकर सिर पर कलश लेकर कथा स्थल पर पहुंची। इस मौके पर मनोज कुमार गुप्ता समेत तमाम श्रद्धालु मौजूद थे।

वहीं, लालकुर्ती श्रीरामा संकीर्तन मंदिर में शिव महापुराण की कथा हुई। कथा के 14 वें भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया गया। कथा व्यास पंडित अंबुज मिश्रा ने बताया कि ब्रह्मा जी की मानस पुत्री की कथा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह कथा मुख्य रूप से देवी सरस्वती और देवी गायत्री से जुड़ी है, जिन्हें ब्रह्मा की मानस पुत्री कहा जाता है।

पंडित अंबुज मिश्रा ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि की रचना के समय ब्रह्मा ने अपने मन से एक सुंदर और ज्ञानमयी कन्या की रचना की। पौरोणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि की रचना के समय ब्रहमा ने अपने मन से एक सुंदर और ज्ञानमयी कन्या की रचना की थी। यह देवी सरस्वती थी। सरस्वती माता को ज्ञान, बुद्धि, कला और संगीत की देवी कहा गया था। दूसरी तरफ देवी गायत्री को भी मानस पुत्री माना जाता है।

 

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