- पटेल मंडप में होने वाले आॅल इंडिया मुशायरे में शबीना अदीब को बुलाने पर भाजपाईयों का विरोध।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मशहूर शायरा शबीना अदीब भाजपाइयों के विरोध के चलते नौचंदी मेले के पटेल मंडप में 20 जुलाई को होने वाले आॅल इंडिया मुशायरे में शिरकत नहीं करेंगी। भाजपाइयों के इस विरोध की चौतरफा चर्चा हो रही है।
शबीना अदीब देश की विख्यात शायरा हैं। उनका क्रेज हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। उनकी लिखी गजल ‘खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फत नई-नई है, अभी तकल्लुफ है गुफ़्तगू में, अभी मोहब्बत नई-नई है। अभी न आएँगी नींद न तुमको, अभी न हमको सुकूँ मिलेगा, अभी तो धड़केगा दिल ज्यादा, अभी मुहब्बत नई नई है। बहार का आज पहला दिन है, चलो चमन में टहल के आएँ, फजा में खुशबू नई नई है गुलों में रंगत नई नई है। जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है। हर किसी की जुबान पर है।
शबीना अदीब भाजपा सरकार विरोधी विचारधारा की शायरा हैं। इसके चलते भाजपाइयों ने उनके मुशायरे में आने पर विरोध जता दिया है। महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज व महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने मेयर कैंप कार्यालय पर आज अपर नगर आयुक्त को बुलाकर विरोध जताने की बात कही है।
हालांकि यह बात समझ से परे है कि नौचंदी मेला प्रांतीय मेला घोषित हो चुका है और उसके आयोजक जिलाधिकारी होते हैं। उसके बावजूद अपर नगर आयुक्त को कैंप कार्यालय पर बुलाकर किस प्रकार का विरोध जताएंगे? यह समझ से परे है। हालांकि बाद में यह पता चलने पर की शबीना अदीब नहीं आ रही हैं। भाजपाईयां ने ज्ञापन देने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया।
सूत्रों की मानें तो इस विरोध की भनक मिलने के बाद शबाना अदीब के आने का कार्यक्रम निरस्त हो गया है। लेकिन इस मामले को चर्चा तेज हो गई है।
क्योंकि शबीना अदीब की फैन फॉलोइंग सिर्फ मुस्लिमों में ही नहीं बल्मि हिंदुओं में भी है। लोगों का कहना है कि जब नौचंदी मेला को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया जाता है, तो शबीना अदीब
का विरोध क्यों? इसके साथ ही शायर हो या कवि वह हमेशा मुखर ही रहता है। तमाम राष्ट्रीय कवि ऐसे रहे हैं, जिन्होंने पूर्व की सरकारों पर जमकर प्रहार किए हैं, लेकिन उस समय तो किसी का बॉयकाट नहीं हुआ, तो फिर अब क्यों हो रहा है।