खाद्य विभाग की सख्ती के बावजूद मिलावट का काला कारोबार बदस्तूर जारी
शारदा रिपोर्टर मेरठ। बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थों की भरमार है। दूध, मावा, पनीर, दाल, मसाले, मिठाई सब में मिलावट मिल रही है। हर महीने 50-60 नमूने जांच में फेल मिल रहे हैं। जांच रिपोर्ट में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताए गए खाद्य पदार्थों को नष्ट भी कराया जा रहा है। फिर भी मिलावट का काला कारोबार बदस्तूर जारी है।
खाद्य एवं सुरक्षा प्रशासन विभाग की हालिया रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। विभाग की ओर से लिए गए सैंपल में से 581 की रिपोर्ट आई। इसमें से 275 सैंपल फेल पाए गए। सबसे ज्यदा मिलावट मसालों में पाई गई। इसके 20 में से 13 नमूने जांच में फेल हुए। खाद्य पदार्थों को तरह-तरह के केमिकल का उपयोग कर तैयार किया जाता है। दूध में पानी मिलाना अब पुरानी बात हो गई है। दूध का व्यापार करने वाले लोग केमिकल मिलाकर अधिक मात्रा में मिलावटी दूध बना रहे हैं। त्योहारों आते ही यह कारोबार बढ़ जाता है।
कई नामी जनरल स्टोर, स्वीट कार्नर, डेयरी, तेल कारोबारी और दूध विक्रेताओं पर जुमार्ना लगाया जाता है। उनके खिलाफ कोर्ट में वाद भी दायर किया जाता है।
दूध में फैट कम और मसालों में रंग की मिलावट का एफएसडीए लैब की जांच रिपोर्ट में हुआ है। पिछले तीन महीने की जो जांच रिपोर्ट विभाग को 19 नमूने की जांच रिपोर्ट में मिलावट पाई गई है। विभाग की माने तो नमूनों की जांच और कार्रवाई के बाद भी मिलावट का धंधा जोरों पर है। मिलावट को रोकने के लिए विभाग ने दुकानदारों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है।
बीते साल अक्टूबर, नवम्बर में 150 खाद्य चीजों के विभाग ने नमूने जांच के लिए लैब भेजे थे। इन नमूनों में मिठाई, नमकीन, दूध, मसाले, पनीर समेत अन्य बेकरी में बेचे जा रहे खाद्य आइटम शामिल हैं। जांच रिपोर्ट में चार नमूने दूध के ऐसे पाए गए हैं जिसमें फैट की मात्रा ही कम है। इसके अलावा हल्दी, लाल मिर्च, धनिया के छह नमूने में कृत्रिम रंग पाया गया है। बेक्ररी के आइटम पेटीज, सेंडविच के एक-एक नमूने की जांच में इनको बनाने में जिस क्रीम और आॅयल का प्रयोग किया गया वह सही नहीं पाया गया है।
चमचम मिठाई और रंगीली मिठाई के चार जांचों में केमिकल वाला कलर पाया है। खोया, पनीर के तीन नमूने में मिलावट की पुष्टि हुई है। शहर के जिन प्रतिष्ठानों से यह नमूने जांच के लिए गए थे। इनको मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी कुलदीप ने नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। केमिकल रंग, घटिया आॅयल और क्रीम सेहत के लिए हानिकारक है। इनके रेगुलर इस्तेमाल से शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो सकती है।