संगीत की तपस्या में लीन है दविंदर सिंह
ज्ञान प्रकाश
दविंदर सिंह का कहना है वो बैक ग्राउंड म्यूजिक के आधार पर गाना नहीं गाते बल्कि जिस गीत को गाते है उसकी धुन वो खुद तैयार करते है। अपने गुरु दादा हुस्नलाल भगत राम की यादगार धुन में रचा गीत सुन मेरे साजना, देखो न मुझको भूल जाना इन्होंने आरुषि शुक्ला के साथ जिस अंदाज में गया वो मील का पत्थर साबित हो गया।
दुबई में बस चुकी मेघना माथुर के साथ इनके गीत ये दिल है मुश्किल जीना यहां में आपको गीता दत्त की झलक मिल जाएगी। कोरोना काल में मानसी मिश्रा के साथ गए गीत नींद न मुझको आए को सुनकर लगेगा कि हेमंत कुमार और लता मंगेशकर के गीत के साथ अन्याय नहीं किया गया है।
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