- राहुल गांधी ने एक बार फिर वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का दावा किया,
- आरोपों को चुनाव आयोग ने एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया।
एजेंसी, नई दिल्ली: चुनाव आयोग का कहना है कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से किसी भी आम नागरिक द्वारा किसी भी वोट को ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता है। आरोपों को चुनाव आयोग ने एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया। राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को चुनाव आयोग ने एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया है।
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चुनाव आयोग का कहना है कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से किसी भी आम नागरिक द्वारा किसी भी वोट को ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता है। यह संभव ही नहीं है। राहुल गांधी की बातों में कोई सच्चाई नहीं है। बता दें, कि राहुल गांधी ने मतदाता सूची में कथित फर्जीवाड़े को लेकर नया दावा किया है। उन्होंने कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए आरोप लगाए कि इस क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं को वोट डिलीट किए गए।
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं।
किसी भी आम नागरिक द्वारा किसी भी वोट को ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता, जैसा कि राहुल गांधी ने गलत धारणा बनाई है।
चुनाव आयोग प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना वोट नहीं हटाता है।
साल 2023 में आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के कुछ असफल प्रयास किए गए थे और मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा खुद एक एफआईआर दर्ज की गई थी।
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक, आलंद विधानसभा क्षेत्र से 2018 में सुभाध गुट्टेदार (भाजपा) और 2023 में बीआर पाटिल (कांग्रेस) ने जीत हासिल की थी।
राहुल गांधी के Election Commission पर गंभीर आरोप
कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि आलंद निर्वाचन क्षेत्र में 6,018 वोट हटाए गए। राहुल गांधी ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में आणंद में कुल कितने वोट हटाए गए। संभवतः यह संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा है.’ उन्होंने कहा कि आणंद में वोट डिलीट का मामला संयोग से पकड़ा गया। उन्होंने दावा किया, “एक बूथ अधिकारी ने देखा कि उसके रिश्तेदार का वोट हटा दिया गया है। इसलिए, उसने जांच की कि उसके रिश्तेदार का वोट किसने हटाया था और पता चला कि वह एक पड़ोसी था। हालांकि, न तो वोट डिलीट करने वाले व्यक्ति को और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ था, उसे इसकी जानकारी थी। किसी और ताकत ने इस प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट डिलीट कर दिया, और किस्मत से पकड़ा गया.’
कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं अपने लोकतंत्र, देश और संविधान से बहुत प्रेम करता हूं और ऐसी कोई बात नहीं करूंगा, जो तथ्यों पर आधारित नहीं हो। आणंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 मतदाताओं का नाम हटाने के लिए आवेदन दिए गए। ऐसा कांग्रेस मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया.’ राहुल गांधी ने दावा किया कि मतदाताओं के नाम हटाने के लिए जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हुआ वे कर्नाटक के बाहर के थे।
राहुल गांधी ने कहा, ‘इस मामले की जांच कर्नाटक की सीआईडी कर रही है। सीआईडी ने 18 पत्र भेजकर कुछ जानकारियां मांगी। लेकिन, यह जानकारी नहीं दी गई, क्योंकि इससे वहां तक पहुंचा जा सकेगा जहां से यह अभियान चलाया जा रहा है।’ राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के राजौरा विधानसभा क्षेत्र में इसी तरीके का इस्तेमाल करके 6850 नाम जोड़े गए। इस मामले में एक सप्ताह में निर्वाचन आयोग को पूरा विवरण देना चाहिए और यदि ऐसा नहीं है, तो फिर स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानेश कुमार ‘वोट चोरों’ की मदद कर रहे हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इससे पहले ही राहुल के दावों का जवाब दे दिया है।