सामाजिक विज्ञान शोध को वैज्ञानिक और प्रासंगिक बनाते हैं डाटा

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मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की ओर से आयोजित क्षमता संवर्धन कार्यक्रम में सोमवार को प्रथम सत्र में चित्कारा विश्वविद्यालय पंजाब के अर्थशास्त्र विभाग के संका अध्यक्ष प्रोफेसर धीरेश कुलश्रेष्ठ ने कहा कि सामाजिक विज्ञान के शोध में डाटा संग्रहण, विधियां, उपकरण व सटीक और उचित डाटा संग्रह सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण योगदान हैं।

उन्होंने कहा कि डाटा संग्रह का उपयोग समस्याओं के उत्तर खोजने, मूल्यांकन और रुझानों व संभावनाओं का पूवार्नुमान लगाने के लिए होना चाहिए। तभी हम सामाजिक विज्ञान शोधों को वैज्ञानिक व प्रासंगिक बना सकते हैं। शोध या कार्य के लिए हम प्राथमिक डाटा संग्रह, सर्वेक्षण व प्रश्नावली, साक्षात्कार आदि विधियों से करते है। जबकि द्वितीयक डाटा संग्रह अर्थात मौजूद डाटा का विश्लेषण और व्याख्या करके भी हम सामाजिक विज्ञान के विभिन्न विषयों में शोध करते हैं।

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