मेरठ- मेरठ की सूरत बदलने की कवायद तेज हो गई है। इसी के चलते गुरुवार को नगर निगम कार्यालय में मेरठ नगर निगम और एनटीपीसी विधुत व्यापार निगम के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इस दौरान एनटीपीसी विधुत व्यापार निगम के अधिकारियों ने बताया कि, मेरठ से पहले कंपनी ने पहला बनारस, जबकि, दूसरा प्लांट गोरखपुर में लगा चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि, मेरठ शहर को गंदगी से निजात दिलाने के लिए योजना बनाई है। यहां एनटीपीसी प्लांट लगने जा रहा है, जिससे कूड़ा निस्तारण में तेजी आएगी और शहर को गंदगी से छुटकारा मिलेगा।
मेरठ में 13 लाख टन कूड़े के बने हैं पहाड़
यह सिर्फ शहरवासी ही नहीं, बल्कि मेयर हरिकांत अहलुवालिया भी स्वीकारते हैं कि, जनपद मेरठ में 13 लाख टन कूड़े के पहाड़ बने हुए हैं, जो ना सिर्फ गंदगी और बदबू फैला रहे हैं, बल्कि बारिश के चलते विभिन्न बीमारियों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। शहरवासियों की इस समस्या को देखते हुए एनटीपीसी से करार होने के बाद कूड़ा निस्तारण के लिए काम करेगी और जो कूड़े के ढेर लगे हैं, इसे ट्रीटमेंट करके फ्यूल निकालेगी और अपने इस्तेमाल में लेकर इससे निजात दिलाएगी। बता दें कि, मेरठ महानगर में हर दिन 1300 टन कूड़ा एकत्र होता है।
नगर निगम पर लगा है 5 करोड़ का जुर्माना
बता दें कि एनजीटी के आदेश पर कूड़ा निस्तारण में विफल होने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम मेरठ पर पांच करोड़ का जुर्माना हाल ही में लगाया था। एनजीटी का कहना है कि निगम की ओर से कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं किए जाने से पर्यावरण को क्षति पहुंची है। इस आधार पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के तहत पांच करोड़ का जुर्माना लगाया गया। निगम को 15 दिन में जुर्माना अदा करने और साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा गया था।
शहर को गंदगी से मिलेगी निजात
इस बारे में मेयर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए वह लगातार प्रयास क़र रहे हैं और यहां के नागरिकों को समस्याओं से मुक्त कराना उनकी प्राथमिकता है। फिलहाल अब मेरठवासियों को भी नगर निगम की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बाद उम्मीद जगी है कि शहर की तश्वीर बदलेगी।