ट्रंप के स्वागत पर भड़के मौलाना, यूएई में अमेरीकी राष्ट्रपति के स्वागत में हुआ था डांस
सहारनपुर। देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- औरतों को नाचने के लिए नहीं बनाया गया है। पर्दे के लिए बनाया गया है। मौलाना ने बुधवार को वीडियो जारी कर हेयर फ्लिपिंग डांस को इस्लाम में हराम बताया। उन्होंने कहा कि नौजवान लड़कियों से हेयर फ्लिपिंग डांस करवाना और उसे इस्लामी संस्कृति से जोड़ना काबिले अफसोस है। ये इस्लामी तहजीब और शरीयत के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं।
दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त अरब अमीरात (वअए) दौरे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें मुस्लिम लड़कियां “हेयर फ्लिपिंग डांस” करती दिख रही हैं। यह डांस अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत समारोह का हिस्सा बताया जा रहा है। इस डांस को कुछ प्लेटफॉर्म्स पर “इस्लामिक कल्चर” से जोड़ने की कोशिश की गई। इससे मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है।
जमीयत दावातुल मुसलिमीन के संरक्षक कारी गोरा ने कहा- इस्लाम ने औरत को मां, बहन, बेटी और पत्नी के रूप में सबसे ज्यादा इज्जत दी है। औरत एक कीमती मोती है। जिसे पर्दे और तहजीब से ढका जाता है, न कि कैमरे के सामने नचाया जाता है। पर्दा कोई बेड़ियां नहीं, बल्कि इज्जत की चादर है। उन्होंने कहा- शो बिजनेस नहीं है इस्लाम, यह रूहानी तहजीब है।
मौलाना इसहाक गोरा ने कहा- इस्लामी संस्कृति किसी प्रदर्शन की चीज नहीं, बल्कि एक पाक और रूहानी राह है। यूएई जैसे मुस्लिम देश में इस तरह का आयोजन और उसे इस्लामी पहचान से जोड़ना, गलत बयानी के साथ-साथ एक तहजीबी हमले जैसा है। उन्होंने मुस्लिम देशों की हुकूमतों, दीनी संस्थाओं और उलेमाओं से अपील की, कि ऐसे लोगों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद करें।
सम्मान में करते हैं हेयर फ्लिपिंग डांस: ये एक पारंपरिक नृत्य है। जो खाड़ी देशों की महिलाएं करती हैं। इसमें दर्जनों महिलाएं सफेद कपड़े में दो पंक्तियों में खड़ी होती हैं। सभी अपने खुले लंबे बालों को गोल-गोल घुमाकर, धीमे-धीमे लहराते हुए स्वागत करती हैं। यह एक सौंदर्य और सम्मान दिखाने का तरीका होता है।