वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एस. वरमानी ने निर्णायक आंदोलन की वकालत की
शारदा रिपोर्टर मेरठ। वेस्टर्न उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना को लेकर एक बार फिर आवाज बुलंद हुई है। मेरठ बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य अधिवक्ता ए.एस. वरमानी ने मेरठ बार एवं हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति से अपील की है कि अब समय आ गया है जब इस विषय पर स्थायी, ठोस और प्रभावकारी आंदोलन की दिशा में ठोस कदम उठाया जाए।
अधिवक्ता वरमानी का मानना है कि यह मांग केवल मेरठ या क्षेत्रीय सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह न्याय के बुनियादी अधिकार, युवाओं के कानूनी भविष्य, और न्यायिक संरचना में संतुलन की आवश्यकता से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्षों से इस विषय पर आंदोलन होते रहे, मगर नतीजों के स्तर पर स्थिति जस की तस है।उन्होंने चेताया कि यदि बार और संघर्ष समिति ने इस बार दृढ़ संकल्प और एकजुटता के साथ व्यापक रणनीति नहीं बनाई, तो यह अवसर भी अन्य वर्षों की तरह व्यर्थ चला जाएगा।
अधिवक्ता वरमानी ने युवा अधिवक्ताओं से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे को व्यक्तिगत नहीं, सामूहिक उत्तरदायित्व के रूप में लें और नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों।सरकारें तभी सुनती हैं जब आवाज में दम हो और मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुटता का प्रदर्शन हो। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना अब प्रतीक्षा का विषय नहीं, बल्कि न्यायिक अधिकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। बार और अधिवक्ताओं को चाहिए कि वे बिना देरी किए रणनीतिक रूप से निर्णायक मोर्चा खोलें।