– सुबह से ही मां की पूजा-अर्चना करते हुए दिखाई दिए भक्त।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। पहले नवरात्र पर मेरठ शहर के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सुबह से ही सैंकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मां की पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर पहुंचे और मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।
शहर के गोल मंदिर, मंशा देवी मंदिर, गुफा वाले मंदिर, काली माता मंदिर समेत सभी मंदिरों में श्रद्धालु मां की भक्ति करते हुए दिखाई दिए। वहीं, अगर बात करें सदर बाजार स्थित काली माता मंदिर की तो….पश्चिमी यूपी में महाकाली का एक ऐसा मंदिर है, जहां मां की पायलों की आवाज गूंजती है. जहां मां का रौद्र रूप हर मनोकामना पूरी करता है। मां के दर्शन मात्र से ही सारे दुख और संताप दूर हो जाते है। मंदिर की ख्याति देश के कोने-कोने से है, क्योंकि जो भी मंदिर में आया और माता के दर पर माथा टेककर गया, उसकी खाली झोलियां भर जाती है। इस मंदिर का इतिहास क्या है इस मंदिर की मान्यता, कहां के पुजारी करते हैं मां के मंदिर में पूजा और देखभाल। मेरठ के सदर काली माता मंदिर की क्या है मान्यता और क्यों यहां हर कष्ट का निवारण हो जाता है, आइएए आपको बताते हैं।
मेरठ के सदर बाजार में महाकाली का मंदिर प्राचीन और सिद्धपीठ मंदिर है। इस मंदिर को सदर काली माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर को मरघटवाली काली माता का मंदिर भी कहा जाता है। बताया जाता है कि, जहां मां का मंदिर है, वहां सैकड़ों साल पहले कभी श्मशान हुआ करता था। इसलिए श्मशान काली माता का मंदिर भी कहा जाता है, जो भी मां के मंदिर में आकर सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। कभी कोई मां के दरबार से खाली नहीं जाता है। मां से आस्था की डोर ऐसी बंध जाती है कि, फिर वो यहीं का हो कर रह जाता है।


