नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने 2 साइबर ठगों को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया हैं, दिल्ली पुलिस के मुताबिक, AI बिजनेस टायकून के वीडियो, 40 फर्जी कंपनी और 250 बैंक खातों के जरिए साइबर ठग का गैंग लोगों को लाखों का चूना लगा रहा था। जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ। अगर आपको सोशल मीडिया पर कोई बहुत ज्यादा आकर्षक निवेश योजना दिखे तो तुरंत सतर्क होने की जरूरत है। ऐसा इसलिए कि बिना पूरी जांच-पड़ताल किए कभी भी किसी ऑफर पर भरोसा न करें! नहीं तो आप भी साइबर ठगों के अगले शिकार हो सकते हैं।
दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही 2 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बिजनेस टायकून के वीडियो में छेड़छाड़ कर लोगों को निवेश के लिए फंसा रहे थे, दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये लोग सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन चलाकर मासूम निवेशकों को लालच देते थे। फिर उन्हें लाखों रुपये गंवाने पर मजबूर कर देते थे। पुलिस की जांच में अब तक 40 फर्जी कंपनियां और 250 बैंक खाते सामने आ चुके हैं, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया था।
डीसीपी साउथ वेस्ट सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पिछले साल 22 मार्च को दिल्ली के वसंत कुंज में काम करने वाले शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें एक नामी बिजनेस टायकून AI-आधारित ट्रेडिंग की तारीफ कर रहे थे। विज्ञापन देखकर वह प्रभावित हुआ और दिए गए ईमेल के जरिए संपर्क किया।
इसके बाद मुझे व्हाट्सऐप पर मार्केटिंग के एक व्यक्ति से जोड़ा गया, जिसने उसे एक वेबसाइट का लिंक और लॉगिन डिटेल्स भेजीं। लिंक के जरिए शिकायतकर्ता को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां उसे बार-बार बताया गया कि बिटक्वाइन में निवेश करने से तगड़ा मुनाफा होगा। इस लालच में आकर उसने अलग-अलग लेनदेन के जरिए कुल 9.53 लाख रुपये का निवेश कर दिया, लेकिन जब उसे कोई रिटर्न नहीं मिला और संपर्क भी बंद हो गया, तब उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है।
पीड़ित की शिकायत पर इंस्पेक्टर विकास कुमार बुल्दक के नेतृत्व में गठित की गई टीम ने मामले की जांच शुरू की। तकनीकी जांच से पता चला कि आरोपियों ने गुड़गांव में एक फर्जी कंपनी बनाई थी, जिसमें सोनू कामत और राजीव कुमार नाम के फर्जी डायरेक्टर थे। इस जानकारी को और विकसित किया गया और उसके आधार पर छापेमारी कर पुलिस ने फरीदाबाद के सेक्टर 91 से बबलू (37) और आनंद कुमार झा (26) को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान आरोपियों के ऑफिस से बैंक के अलावा अन्य दस्तावेज भी बरामद किए। दोनों आरोपी फर्जी कंपनियों के लिए फर्जी डायरेक्टर और मालिकों की व्यवस्था करते थे। इन फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खुलवाए थे। जांच में खुलासा हुआ कि ये ठग बड़े-बड़े बिजनेस टायकून के वीडियो को AI तकनीक से मॉडिफाई कर रहे थे, जिससे ऐसा लगा कि वे खुद निवेश की सिफारिश कर रहे हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर वे लोगों को अपने जाल में फंसाते थे।
दिल्ली पुलिस को अब तक 40 फर्जी कंपनियों और 250 बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिसका इस्तेमाल लोगों से ठगी में किया जा रहा था। ये ठग अलग-अलग नामों से फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड कराकर बैंक खाते खुलवाए थे और ठगी के पैसे इन खातों में ट्रांसफर करते थे।