डिजिटल अरेस्ट से रहें अलर्ट…ऐसे करें बचाव

डिजिटल अरेस्ट से रहें अलर्ट…ऐसे करें बचाव

आजकल डिजिटल अरेस्ट शब्द काफी चर्चाओं में बना हुआ है। इसके आय़दिन कई मामले निकलकर सामने आ रहे हैं। इससे लोगों को फ्रॉड में फंसाकर उनसे लाखों की ठगी की जाती है। यह सब कॉल की प्रक्रिया के तहत किया जाता है।

चलिए जानते हैं डिजिटल अरेस्ट क्या है।

डिजीटल अरेस्ट एक ऐसा तरीका है जिससे लोगों को फरेब या जाल में फंसाकर पैसों की ऑनलाइन ठगी की जाती है। यह इतने शातिर तरीके से अंजाम दिया जाता है कि कोई साधारण व्यक्ति भी इसका शिकार हो सकता है।

कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट?

1. आपके फोन पर व्हाट्सऐप कॉल आएगी।
2. कॉल में पुलिस स्टेशन जैसा बैकग्राउंड दिखेगा।
3. फिर मनी लॉड्रिंग, घर के किसी सदस्य के रेप में फंसने आदि का डर दिखाया जाएगा।
4. आधार कार्ड समेत बैंक एकाउंट की जानकारी मांगेंगे।
5. कहा जाता है आप डिजिटल अरेस्ट है, घर में कैद कर लिया जाता है।
6. बैंक खाता सीज करने गिरफ्तार करने की धमकी दी जाती है।
7. फेक ऐप डाउनलोड करवा फार्म भरवाया जाता है।
8. डमी एकाउंट में जुर्माने के नाम पर पैसे ट्रांसफर कराए जाते हैं।

    कॉल आने पर क्या करें

  1. अनजान नंबर से आई व्हाट्सऐप कॉल न उठाएं।
  2. अगर कॉल उठा भी ली है तो अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें।
  3. अगर कोई परिजनों या फिर आपके फंसने की धमकी दे रहा है तो साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सूचना दें।
  4. आप से कोई डिजिटल अरेस्ट की बात कहता है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन की मदद लें।
  5. किसी भी झांसे में आकर पैसा ट्रांसफर न करें। यही साइबर अपराधियों का मकसद होता है।
  6. ध्यान रखिए पुलिस, ईडी या फिर कोई भी सरकारी एजेंसी ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करती है। एक महीनें में डीजिटल अरेस्ट के 3 बड़े मामले निकलकर सामने आये हैं।

    5 सितंबर को लखनऊ में यूपी एसटीएफ ने PGI की डॉक्टर को 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपये हड़पने वाले 3 शातिरों को गिरफ्तार किया था।

    10 सितंबर को  लोहिया इंस्टिट्यूट की महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 90 हजार ठग लिए।

    वहीं 23 सितंबर को मेरठ में बुजुर्ग को लगातार कॉल के जरिये उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए कॉलर ने जेल भेजने का खौफ दिखाकर उनको 4 दिनों तक डिजीटल अरेस्ट किया, उसके बाद उनसे 1 करोड़ 73 लाख रूपए की ठगी कर ली।

    इन मामलों में ऐसे लोग आमतौर पर शिकार बनाये जाते हैं। जो नौकरी से रिटायर्ड बुजुर्ग, डॉक्टर मौजूदा अफ्सर या अन्य बड़े लोग होते हैं क्योंकि इनके बैंक अकाउंट में पैसा आसानी से मिल जाता है। और दूसरा इनकी जिंदगी इतनी लंबी होती है कि उनके दस्तावेज कहां-कहां इस्तेमाल हुए हो उन्हें जल्दी से खुद भी याद नहीं रहता। इसीलिए ठगों के निशाने पर ये लोग आसानी से आ जाते हैं।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *