क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने मेरठ के कोचिंग सेंटरों को नोटिस भेजने शुरू किए
शारदा रिपोर्टर मेरठ। दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद मेरठ के कोचिंग सेंटर पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। कोचिंग सेंटर को ना केवल पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा बल्कि संबंधित सभी विभागों से भी अनापत्ति पत्र भी लेने होंगे। मानकों के विपरीत चल रहे कोचिंग सेंटर में छात्र के साथ कोई दुर्घटना होने पर कोचिंग संचालक जिम्मेदार होंगे।
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. मोनिका सिंह ने मेरठ के 77 कोचिंग सेंटर को उक्त नोटिस भेजते हुए समस्त मानक पूरे कराते हुए पंजीकरण कराने के निर्देश दिए हैं। डॉ. मोनिका सिंह के अनुसार बिल्डिंग के लिए जिन विभागों से मानक पूरे होने का प्रमाण पत्र चाहिए, वह संस्थान पूरा करा लें। सभी कोचिंग सेंटर को पंजीकरण भी जरुरी होगा। डॉ. सिंह के अनुसार यदि कोई कोचिंग सेंटर असुरक्षित स्थिति में संचालित होता है और कोई घटना घटित हुई तो इसके लिए कोचिंग संचालक जिम्मेदार होंगे। जल्द ही क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी आॅफिस से कोचिंग सेंटर की जांच शुरू की जाएगी।
मेरठ में केवल 77 कोचिंग सेंटर के पंजीकरण हैं, जबकि गली-मोहल्लों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। एक अनुमान के हिसाब से मेरठ में पांच सौ से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैं। पंजीकरण में भी कोचिंग सेंटर का खेल है। छात्रों न्यूनतम संख्या दर्शाकर पंजीकरण कराए गए हैं।
स्कूलों से ज्यादा कोचिंग सेंटर में रौनक
कोचिंग सेंटर में हाल में बढ़ोतरी हुई है। शहर के एक चर्चित कोचिंग सेंटर में अकेले तीन हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत हैं। स्थिति यह है कि ये बच्चे स्कूलों से ज्यादा यहां पढ़ रहे हैं।
बेसमेंट पर लगेगी सील
मेडा वीसी अभिषेक पांडेय ने बताया कि प्रवर्तन दल भवनों में बनी बेसमेंट का सर्वे कर रहा है। पहले ही दिन 66 बेसमेंट का अवैध रूप से इस्तेमाल होता मिला है। ऐसी सभी बेसमेंट के खिलाफ सीलिंग की कार्यवाही की जाएगी। अवैध कॉम्पलेक्स और भवनों को नोटिस जारी किए जाएंगे। किसी भी अवैध बेसमेंट और भवनों पर कार्यवाही किए बिना छोड़ा नहीं जाएगा।