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गौ संरक्षण केंद्र बना गौ वंशों के लिए कब्रिस्तान, ग्रामीणों ने किया हंगामा, लगाया यह बड़ा आरोप

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  •  भूख और बीमारी से गौवंश तोड़ रहे दम।

शारदा रिपोर्टर।

मेरठ। केंद्र और प्रदेश सरकार ने आवारा घूम रहे गौ वंशौं को संरक्षण देने के लिए जगह-जगह लाखों करोड़ों खर्च कर गौशाला और गौ संरक्षण केंद्र का निर्माण कराया है। पिछले वर्ष ऐसे ही गौ संरक्षण केंद्र का निर्माण खरखोदा ब्लॉक के नगला पातु गांव में भी कराया गया था। जिसमें लगभग 350 गौ वशौं को संरक्षण दिया गया था।

गौ वंशों की देखरेख के लिए एडीओ पंचायत, सेक्रेटरी, और ग्राम प्रधान की कमेटी बनाकर संरक्षण केंद्र का दायित्व सौंपा गया था। लेकिन इस संरक्षण केंद्र पर किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के चलते काफी संख्या में गौवंशों की लगातार मौत हो रही है। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं। जिसके विरोध में गुरुवार सुबह खरखौदा के नंगला पातु गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने संरक्षण केंद्र पर जमकर हंगामा किया।

 

 

खरखौदा स्थित गौ संरक्षण केंद्र पर ग्राम प्रधान उदय और समाजसेवी सोनू दर्जनों ग्रामीणों के साथ हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि गौ संरक्षण केंद्र गौ वंशौं के लिए कब्रिस्तान बना चुका है। भूख और बीमारी के चलते कई गौ वंशौं की जान जा रही है। एक महीने में दर्जनों गौवंश दम तोड़ चुके हैं। चिलचिलाती धूप और गर्मी के साथ-साथ भूख और बीमारी गोवंशों की मौत का कारण बन रही है। लेकिन एडीओ पंचायत मनोज सिसोदिया सहित सेक्रेटरी विपिन कुमार इतनी बड़ी घटना के बाद भी गंभीर नहीं है।

उन्होंने बताया कि, ना तो गौ संरक्षण केंद्र में हरा चारा आता है और ना ही पशु चिकित्सक ही पशुओं का इलाज करने के लिए आते हैं। जिस कारण भूख और बीमारी से हर रोज गोवंश दम तोड़ रहे हैं।

ग्राम प्रधान उदयवीर ने आरोप लगाते हुए बताया कि हर रोज गौ संरक्षण केंद्र में इतनी गाय मर रही हैं कि, उन्हें दबाना भी मुश्किल होता जा रहा है। जिस कारण यहां से उठने वाली बदबू गांव के लोगों को परेशानियों का सबब बनी हुई है।

 

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