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Saturday, December 27, 2025
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सिपाही भर्ती परीक्षा: अभ्यर्थियों ने त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे से गुजर कर दी परीक्षा

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  • चौथी परीक्षा की पहली पाली में भी पास हुआ प्रशासन,
  • शुक्रवार को 36 परीक्षा केंद्रों पर 17400 अभ्यर्थियों ने त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे से गुजर कर दी परीक्षा।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। यूपी पुलिस सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा आज दो पालियों में 36 केंद्रों पर हुई। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 से 12 के बीच जहां शांति पूर्व संपन्न हुई, वहीं दूसरी पाली की परीक्षा में भी अभ्यर्थी त्रिस्तरीय तलाशी घेरे से गुजरकर परीक्षा कक्ष में दाखिल हुए। परीक्षा के लिए सुबह आठ बजे से ही केंद्रों पर प्रवेश शुरू हो गया था। तीन कंट्रोल रूम से परीक्षा की निगरानी हुई। पुलिस के अलावा एसटीएफ भी परीक्षा में नजर रख रही है।

परीक्षा के नोडल अधिकारी एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि आज पहली पाली में 17400 अभ्यर्थी परीक्षा में पंजीकृत थे। दूसरी पाली में भी इतने ही अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा में केंद्र पर बनाए गए कंट्रोल रूम के अलावा पुलिस लाइन और लखनऊ हेड क्वार्टर में बनाए गए कंट्रोल रूम से सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा चल रही है। केंद्रों तक पेपर पहुंचाने के लिए 26 सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है।

आज मिली जाम से राहत : पिछली तीनों परीक्षाओं के दौरान शहर में जाम लगा था। जिस कारण ट्रैफिक विभाग की खासी किरकिरी हुई थी। लेकिन शुक्रवार को ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नजर आई। हालात ये थे कि परीक्षा छूटने के समय हर चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस जहां तैनात थी, तो बस अड्डों के बाहर भी विशेष चौकसी रही। जिस कारण शहर के लोग जाम से जूझने से बच गए।

एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि भैसाली और सोहराब गेट बस स्टैंड के बाहर बसों में कोई भी यात्री नहीं बिठाने का आदेश दिया गया था। इस संबंध में रोडवेज के अधिकारियों से वार्ता की गई थी। जाम से राहत के लिए सभी मुख्य चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के अलावा थाना पुलिस भी तैनात रही।

परीक्षा केंद्र के बाहर टूट गए मन्नत के धागे

परीक्षा को पूरी तरह पारदर्शी और नकलविहीन बनाने में जुटे प्रशासन का रवैया आज भी पिछली तीनों परीक्षाओं जैसा रहा। रक्षा बंधन पर बंधी राखी हो या अनुष्ठान का कलावा या मन्नत का धागा, सभी को परीक्षा केंद्र के बाहर तोड़कर रखवा दिया गया। युवतियों के कानों से बाली, मंगलसूत्र आदि उतरावाए गए, बल्कि उनके जूड़े तक खुलवा दिए गए।

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