जयराम रमेश के अनुसार, ‘‘रिजर्व बैंक के पूर्व उप गवर्नर और प्रसिद्ध वित्तीय अर्थशास्त्री डॉ. विरल आचार्य ने साबित किया था कि 5 बड़े समूह, जिनमें अदाणी ग्रुप भी शामिल है, सीमेंट सहित 40 क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह बढ़ता एकाधिकार भारत की अस्थिर आर्थिक वृद्धि, बेरोज़गारी संकट और उच्च मुद्रास्फीति से जुड़ा हुआ है।
रमेश ने कहा कि वर्ष 2015 में जब एक आम आदमी सामान पर 100 रुपये ख़र्च करता था, तो 18 रुपये व्यवसाय के मालिक को लाभ के रूप में जाता था तथा 2021 में मालिक को लाभ के रूप में 36 रूपये मिलने लगा।
उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों को आगे बढ़ना चाहिए। कंपनियों को विस्तार भी करना चाहिए। लेकिन साथ ही साथ, यह सुनिश्चित करना सरकार की ज़िम्मेदारी है कि प्रतिस्पर्धा को दबाया न जाए, अल्पाधिकार या एकाधिकार उभर कर सामने न आए, अधिग्रहण स्वतंत्र और निष्पक्ष हों, और राजनीतिक सत्ता तक पहुंच से उत्पन्न होने वाले अनुचित लाभ का इस्तेमाल न किया जाए।’’