देहरादून। सहस्त्रधारा में बादल फटने की घटना से भारी तबाही मची है। दस लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग लापता बजाए जा ा्रहे हैं। इनमें छह मृत लोग प्रेमनगर अस्पताल में परवल क्षेत्र से लाए गए। सहस्त्रधारा से बह कर आए तीन मृत कोरोनेशन अस्पताल में रखे गए। और एक की मौत नया गांव क्षेत्र में हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दूरभाष पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में आई आपदा की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में राज्य के साथ मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य में राहत कार्य और तेजी से संचालित होंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा, लगभग 25-30 जगहों पर सड़कें पूरी तरह से बह गई हैं। घरों को काफी नुकसान पहुंचा है। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है। इसे सामान्य करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। कई संपर्क मार्ग कट गए हैं। नदियों का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और सरकार इसे सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण मालदेवता, रायपुर में करीब 100 मीटर लंबी सड़क बह गई है।
कई संपर्क मार्ग पूरी तरह से कट गए हैं, जिससे आवागमन बाधित हुआ है। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, और सरकार प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि देहरादून में सहस्त्रधारा और मालदेवता एवं मसूरी से भी नुकसान की खबरें मिली हैं। देहरादून में दो से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं।
मसूरी में एक व्यक्ति की मौत की खबर मिली है और इसकी पुष्टि की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, वहीं 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के मलबे से नैनीताल में एक सड़क आवागमन के लिए बंद हो गई है। वहीं, मझारा गांव के निवासी सड़कों पर इकट्ठा हैं और उनका कहना है कि वे भूस्खलन से बाल-बाल बचे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हो गए हैं।