मवाना तहसील प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- दो हजार रुपये प्रति बीघा की दर से करा रहे जमीन पर कब्जा,
खादर क्षेत्र के जलालपुर जोरा के दलितों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। खादर क्षेत्र में भूमाफियाओं द्वारा जमीनों पर कब्जा कोई नई बात नहीं है। इसमें मवाना तहसील प्रशासन का संरक्षण भी किसी से छिपा नहीं है। लेकिन इस बार इस मामले को लेकर ग्रामीण खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने एसडीएम से लेकर लेखपाल तक दो हजार रुपये प्रति बीघा की दर से जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाया है।
बुधवार को हस्तिनापुर क्षेत्र के जलालपुर जोरा के ग्रामीण डीएम कार्यालय पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र में कुछ दबंग भूमियां राजनीतिक संरक्षण पाकर तहसील प्रशासन की मदद से न केवल दलितों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, बल्कि ग्राम समाज, वन विभाग और गंगानदी की जमीन पर भी कब्जा किए हुए हैं। जब वह इनका विरोध करते हैं तो मारपीट करने के साथ ही पुलिस की मदद से उलटा उन्हें ही फंसा देते हैं। यही नहीं अपने को बचाने के लिए पुलिस उनका और भूमाफियाओं दोनों का शांति भंग में चालान कर कानूनी कार्रवाई करके खुद को बचा लेती है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खादर क्षेत्र में करीब पांच हजार बीघा जमीन पर अवैध कब्जा है। जिसमें लगभग 250-300 बीघा जमीन दलितों की है। बाकी सारी जमीन सरकारी विभागों की है। ग्रामीणों ने कहा कि वह जिलाधिकारी से लेकर अन्य अधिकारियों के यहां भी गुहार लगा चुके हैं और आईजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन आज तक उन्हें न्याय नही मिला है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि इस बार उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह सीधे लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने पहुंचकर प्रदर्शन कर अपनी बात रखेंगे। क्योंकि भूमाफियाओं के हौंसले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में यहां पर हत्या तक हो सकती है।
इस दौरान इंदल सिंह, नरेंद्र कुमार, भोपाल सिंह, ज्ञान सिंह, चमन, बबलू, बाबू, मनोज, तिलकराम, सुंदर, मुख्त्यारी आदि मौजूद रहे।