मेरठ के खादर क्षेत्र में भी बाढ़ जैसे हालत, लोगों को होने लगी परेशानी
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प्रशासन के द्वारा क्षेत्र में नावों के जरिए लोगों को रेस्क्यू किया।
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पानी की वजह से लोगों को होने लगी परेशानी
शारदा न्यूज, संवाददाता।
मेरठ। पहाड़ी इलाकों पर हो रही लगातार बारिश का क़हर मैदानी इलाकों पर देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि मैदानी इलाके पानी की मार को झेल रहे हैं और पहाड़ी इलाकों से बहकर आ रहा पानी आफत बना हुआ है। मेरठ के खादर क्षेत्र में भी ऐसे ही हालत है जहां ऐतिहासिक हस्तिनापुर क्षेत्र और परीक्षितगढ़ का इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है। हालात कितने भयावे हैं। इसकी तस्वीर आप देख रहे है।
दरअसल मौसमी बारिश लगातार पहाड़ी इलाकों में अपना कहर ढाए हुए हैं और उसी बारिश का पानी बहकर मैदानी इलाकों में आ रहा है। आलम यह है कि इस पानी के चलते मैदानी इलाकों के क्षेत्र पानी से सराबोर हैं और लंबे समय से इस परेशानी से जूझ रहे हैं। आलम यह है कि मेरठ के देहात क्षेत्र के इलाके इस बाढ़ से जूझते हुए दिखाई दे रहे हैं जिनमें फतेहपुर प्रेम, गावड़ी, सज्जेपुर, लतीफपुर, किशनपुरा समेत कई गांव शामिल हैं। प्रशासन के द्वारा क्षेत्र में नावों के जरिए लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। साथ ही साथ स्थानीय लोगों को प्रशासन के द्वारा जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि लगभग 15 गांव इस बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं जिसमें 8 से 10 हज़ार लोग रहते हैं जोकि इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आए हुए हैं। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जो लोग अपने आप को इन इलाकों से निकलने के लिए कह रहे हैं उन लोगों का रेस्क्यू भी किया जा रहा है जिसके लिए नाव का सहारा लिया जा रहा है साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि लोगों को राशन पहुंचाने के लिए कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन नाव के माध्यम से लोगों के बीच राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थानीय गांव की सारी आबादी बाढ़ की वजह से परेशानी में है और किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा अब तक सिर्फ एक बार ही राशन बांटा गया है जो कि 20 दिन पहले बांटा गया था और उसके बाद से इन लोगों को कोई भी राशन सामग्री नहीं मिली है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ की वजह से कई घरों में नुकसान हुआ है जिसके लिए उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की गुहार भी लगाई है । साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी हजारों बीघा फसल इस बाढ़ की चपेट में आई है जिसके चलते उनका भारी नुकसान हुआ है।