सेंट्रल मार्केट मामला: व्यापारियों में बेचैनी, अफसर भी परेशान

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– अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ध्वस्तीकरण को लेकर उड़ी है सबकी नींद।


शारदा रिपोर्टर मेरठ। पिछले दस सालों में आवास विकास अवैध निर्माण रोकने में नाकाम साबित रहा। सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से व्यापारी बेचैन हैं और अफसर भी सहमे हुए हैं। अफसर अवैध निर्माण रोकने के लिए महज नोटिस काटकर फाइलों में खानापूर्ति कर रहे हैं। हकीकत यह है कि, विभाग के आसपास आवासीय भवनों में ही कई अस्पताल, रेस्टोरेंट, बेकरी ही नहीं कोठियों में हैंडलूम तक का कारोबार हो रहा है। हालांकि, अब अधिकारी सेंट्रल मार्केट मामले में फाइलें टटोली रहे हैं।

 

 

शास्त्रीनगर के सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स के सुप्रीम कोर्ट के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद से व्यापारी बेचैन हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 661/6 आवासीय भवन में 24 दुकानें बन जाने के मामले में यह आदेश दिया है। इससे पहले शास्त्रीनगर में सर्वे के आदेश दिए थे, जिसमें 1473 आवासीय भवन ऐसे हैं, जिनमें व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। माधवपुरम और जागृति विहार में 822 अवैध निर्माण की फेहरिस्त है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से व्यापारी लगातार अफसरों को अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं, अफसर इसे दशकों पुराना मामला बता रहे हैं और मौजूदा समय में आसपास के अवैध निर्माण को लेकर महज नोटिस जारी करने की बात कर रहे हैं।

मुख्य मार्ग ही नहीं गलियों में खुल गए शोरूम-दुकानें

रंगोली से आरटीओ की ओर जाने वाले मार्ग पर ही आवास विकास एवं परिषद का दफ्तर है। इसके पास ही आवासीय भवनों में कॉम्प्लेक्स तैयार हो गए हैं। इनमें रेस्टोरेंट, बेकरी, कन्फेक्शनरी, जूस-फर्नीचर की दुकानें, नामी कंपनियों के आउटलेट, बाथरूम फिटिंग व होम डेकर के शोरूम तक कोठियों में खुले हैं।

जागृति विहार-माधवपुरम में 822 अवैध निर्माण

माधवपुरम में सभी चार सेक्टर में 5963 आवासीय संपत्तियां हैं। इनमें छोटे स्तर पर 327 आवासीय भवनों में व्यावसायिक काम हो रहा है। ऐसे ही जागृति विहार योजना में करीब साढ़े पांच हजार आवासीय भवन हैं। इनमें से 495 ऐसे हैं जिनमें नियम विरुद्ध व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। शास्त्रीनगर में ए-ब्लॉक से एल-ब्लॉक तक कुल 6106 आवासीय संपत्तियां हैं। इनमें 613 में ऐसी हैं जिनमें शोरूम, कंपनियों के आउटलेट्स, सराफा, डेयरी, रेडीमेड गारमेंट्स, मर्चेंट स्टोर, बेकरी आदि खुल गए हैं।

ऐसे ही सेक्टर-1 से 13 तक 6379 आवासीय संपत्ति हैं। इनमें 860 संपत्ति में व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। वहीं, इस मामले में आवास विकास के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार का कहना है कि, अवैध निर्माण पर लगातार अंकुश कसा जा रहा है। अवैध अस्पताल समेत कई नियम विरुद्ध निर्माण भी हाल ही में सील भी किए हैं।

सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों ने ड्राफ्ट की रिव्यू पेटीशन व एसएलपी

सेंट्रल मार्केट के व्यापारी सुप्रीम कोर्ट के 661/6 के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद इससे राहत पाने में जुटे हैं। जिसको लेकर सेंट्रल मार्केट के व्यापारी लगातार अधिवक्ताओं के पैनल के साथ मंथन कर रहे हैं। इसी के साथ रिव्यू पेटीशन और एसएलपी का ड्राफ्ट भी तैयार कराया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू के लिए एक महीने का समय दिया हुआ है। ऐसे में व्यापारी अब कोर्ट खुलने के साथ ही इसे दाखिल करेंगे। व्यापारियों ने बताया कि पहले याचिका में 15 लोगों के बैनामे थे, जबकि अब 7 अन्य दुकानदार भी बैनामा करा चुके हैं। ऐसे में मर्सी अपील की तर्ज पर पुर्न विचार याचिका के तहत रिव्यू पेटीशन तथा स्पेशल लीव पेटिशन (एसएलपी) दाखिल की जाएगी।

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