मांसाहार छोड़ो, शाकाहार अपनाओ : मुनि समत्व सागर

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बागपत। श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कैनाल रोड बडौत में मंगल प्रवचन देते हुए आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुशिष्य मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज ने कहा कि जैन एक जाति न होकर एक सिद्धांत है।

आज पूरे विश्व में जैन धर्म की एक अलग पहचान है इसका कारण है जैन धर्म के सिद्धांत।जैन धर्म एक बहुत ही वैज्ञानिक धर्म है। भगवान महावीर ने जो संदेश दिए हैं आज पूरा विश्व उन्हें स्वीकार कर रहा है। जियो और जीने दो। हमें कोई हक नहीं है कि हम किसी निरीह प्राणी का वध करें और उसके मांस का सेवन करें। प्रकृति ने हमें खाने के लिए फल सब्जियां आदि अनमोल खजाना दिया है लेकिन उसके बावजूद हमने अपने पेट को एक कब्रिस्तान बना लिया है। सदैव शाकाहारी भोजन करके ही हम अपने मन को और तन को स्वस्थ रख सकते हैं। सभा मेॆ मुनि श्री अनुपम सागर जी महाराज ने भी मंगल प्रवचन दिया।

सभा का संचालन विनोद जैन एडवोकेट और डॉक्टर श्रेयांस जैन ने किया।सभा मे सुरेंद्र जैन, अनिल जैन, शरद जैन, नवीन बब्बल,वरदान जैन,विवेक जैन, पीयूष जैन, संकल्प जैन,सौरभ जैन, रोहित जैन,सुनील जैन आदि उपस्थित थे।

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