– पुलिस ने घोषित कर रखा था पचास हजार रुपये का इनाम, सीने में लगी गोली।
लखनऊ। पारा के बुद्धेश्वर बादलखेड़ा निवासी कैब चालक योगेश कुमार पाल (29) की कार लूट के दौरान हत्या के मामले में भागे हुए डेढ़ लाख के इनामी हरदोई पिहानी निवासी गुरु सेवक और पारा पुलिस के बीच रविवार रात मुठभेड़ हो गई। उसको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उस पर लखनऊ पुलिस ने एक लाख और शाहजहांपुर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

वहीं कैब चालक कार बुक करने वाले आरोपी हरदोई मल्लावां निवासी गैंगस्टर विकास कुमार को रविवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसपर भी 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इस मामले में शुक्रवार को भी पुलिस ने एक बदमाश हरदोई निवासी अजय को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने कैब चालक योगेश की लूट के दौरान हत्या के बाद शाहजहांपुर में ट्रेवलर चालक अवनीश की भी हत्या कर गाड़ी लूट ली थी।

पुलिस मुठभेड़ में मारा गया हत्या व लूट का आरोपी व डेढ़ लाख का इनामी गुरु सेवक बेहद शातिर था। उसके खिलाफ पहले से लूट, अपहरण, हत्या व हत्या के प्रयास सहित आधा दर्जन आपराधिक मामले पहले से दर्ज थे। मुठभेड़ के दौरान पुलिस को उसके पास से विदेशी कंपनी स्मिथ एंड वेसन कंपनी का बना .38 बोर का रिवॉल्वर मिला है। अब पुलिस पता लगा रही है कि आरोपी के पास से विदेशी रिवॉल्वर कहां से आई। वहीं मौके से भागे हुए गुरु सेवक के साथी की तलाश में पुलिस जुटी है।
डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार रात मुठभेड़ में घायल बदमाश अजय सिंह के साथ गुरु सेवक भी मौजूद था, जो भाग गया था। रविवार रात दस बजे गुरु सेवक और पुलिस के बीच मुठभेड़ में बदमाशों की एक गोली पुलिस की गाड़ी और एक गोली क्राइम ब्रांच प्रभारी शिवानंद मिश्र व दरोगा अनुज की बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगी। मौके से विदेशी रिवॉल्वर के अलावा पुलिस को देसी पिस्टल भी मिली है।
वहीं रविवार सुबह पुलिस ने कैब बुक करने वाले आरोपी हरदोई निवासी विकास को रविवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। विकास मौजूदा समय में जानकीपुरम के मिजार्पुर इलाके में रह रहा था। उसके खिलाफ हरदोई के मल्लावां थाने में गैंगस्टर, डकैती और लखनऊ के अलीगंज थाने में चोरी का एक मामला दर्ज है।
डीसीपी ने बताया कि विकास का नाम शुक्रवार रात मुठभेड़ में गिरफ्तार आरोपी अजय से पुलिस को पता चला था। विकास कैब चालक योगेश का परिचित था। विकास ने ही 27 और 28 सितंबर को योगेश को फोन कर 29 सितंबर को सीतापुर चलने के लिए कहा था। इसके बाद 29 सितंबर की शाम फिर से विकास ने योगेश को फोन कर सीतापुर चलने के लिए कहा।
योगेश घर से सीतापुर जाने की बात कहकर निकले। बुद्धेश्वर चौराहे के पास विकास, अजय और गुरु सेवक मिले। 3200 रुपये में सीतापुर का किराया तय हुआ। सभी लोग कार में बैठ गए। दुबग्गा के आसपास विकास उतर गया और आरोपी अजय व गुरु सेवक सीतापुर चले गए। सीतापुर पहुंचकर अजय व गुरु सेवक ने योगेश की हत्या कर उनकी कार लूटी ली थी। इस घटना के बाद आरोपी अजय और गुरु सेवक ने छह अक्तूबर को शाहजहांपुर जनपद में कार चालक अवनीश दीक्षित की हत्या कर उनकी गाड़ी भी लूटी थी।

