– बोले, ऐसा नहीं कहना चाहिए, माफी मांगने में कोई शर्मिंदगी नहीं।
गोंडा। भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह ने बाबा रामदेव को कहने पर अपनी गलती मान ली है। गोंडा में उन्होंने कहा-मैं मानता हूं कि जो बयान दिया, वह गलत था। मेरे मुंह से कुछ शब्द निकल गए। बाद में मुझे महसूस हुआ कि ऐसा नहीं कहना चाहिए था। पूर्व सांसद ने कहा कि बचपन से मैंने एक उसूल बनाया है कि किसी शरीफ या गरीब को अपमानित नहीं करूंगा। अगर भूल से ऐसा हो जाए तो उससे माफी मांगने में कोई शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए। मुझे नहीं लगा था कि यह इतना बड़ा विषय बनेगा। दरअसल, 17 अगस्त को बृजभूषण ने बलरामपुर में कहा था कि रामदेव काना, जिसके नाम पर कमा खा रहा, महर्षि पतंजलि का इतिहास भी यहीं गोंडा से है।
पूर्व सांसद ने कहा कि मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान एक बयान दिया था। इसके बाद आचार्य बालकृष्ण भट्ट ने मुझे फोन कर मूर्ख कहा था। हमने भी पलटकर जवाब दिया था, तभी से हमारा विवाद शुरू हुआ। बलरामपुर में मैं गोंडा, बलरामपुर और देवीपाटन मंडल का इतिहास बता रहा था।
इसी दौरान महर्षि पतंजलि का उल्लेख आया। मुझे याद आया कि जब बाबा रामदेव स्वदेशी यात्रा लेकर निकले थे, तब उन्होंने गोंडा में महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली का नाम लिया था और वादा किया था कि वे इसका उद्धार करेंगे। जनता से यह वादा उन्होंने किया था। उसी क्रम में मुझे बाबा रामदेव की याद आ गई। मेरे मुंह से कुछ शब्द निकल गए। बाद में मुझे महसूस हुआ कि ऐसा नहीं कहना चाहिए था।
बृजभूषण ने कहा कि मुझे ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए थे। यह मेरे स्वभाव में है कि अगर कोई गलती हो जाए तो उसे सुधारूं। असल में मुझे बाबा रामदेव को उनके वादे की याद दिलानी थी। महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि और कर्मभूमि गोंडा है, लेकिन आज भी वह उपेक्षित है।
वहां बहुत कम काम हुआ है, जबकि उनके नाम पर अरबों-खरबों का कारोबार हो रहा है। मैं अपने घर के लिए कुछ नहीं मांग रहा हूं, लेकिन जब आप महापुरुषों के नाम पर कमाई कर रहे हैं तो उनके जन्मस्थान और कर्मभूमि का ध्यान रखना आपका कर्तव्य होना चाहिए। सिर्फ महापुरुषों का नाम बेचने से काम नहीं चलेगा।
2022 में रामदेव ने बृजभूषण को भेजा था कानूनी नोटिस
2022 में बृजभूषण ने कहा था-बाबा रामदेव महर्षि पतंजलि के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। वह उनके नाम पर अरबों-खरबों का व्यापार कर रहे हैं। उनके नाम पर मसाले से लेकर अंडरवियर और बनियान तक बेच रहे हैं, लेकिन महर्षि पतंजलि के जन्मस्थान के विकास के लिए उन्होंने एक पैसा नहीं खर्च किया। जिन महर्षि पतंजलि के नाम पर अरबों का व्यापार किया जा रहा है, उनकी जन्मस्थली उपेक्षा की शिकार है। बाबा रामदेव ने बृजभूषण सिंह को कानूनी नोटिस भी भेजा था।