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Thursday, November 27, 2025
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HomeDelhi Newsशराब नीति मामले में सीएम केजरीवाल को बड़ी राहत

शराब नीति मामले में सीएम केजरीवाल को बड़ी राहत

राउज एवेन्यू कोर्ट की ACMM दिव्या मल्होत्रा ने ED द्वारा दायर दोनों शिकायतों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दी।

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नई दिल्ली: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले के संबंध में ईडी की दो शिकायतों के आधार पर अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे।

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ACMM ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 15,000 रुपए के निजी मुचलके और 1 लाख रुपए की ज़मानत राशि पर बेल दी। दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले के संबंध में ईडी की दो शिकायतों के आधार पर अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन के बाद सीएम अदालत में पेश हुए।

सीएम अरविंद केजरीवाल को शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर पेश न होने को लेकर जांच एजेंसी द्वारा दर्ज दो मामलों में केजरीवाल को जमानत दी। कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत के लिए 15 हजार के मुचलके पर बेल बॉन्ड भरने को कहा। शराब नीति मामले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से दो शिकायतों को अदालत में दिया गया था।

सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि बेल बॉन्ड स्वीकार कर उनके मुवक्किल को जाने दिया जाए। उन्होंने कहा कि शराब नीति मामले को लेकर शिकायतों में ईडी की तरफ से पूरे दस्तावेज नहीं दिए गए हैं, वो भी दिए जाएं। इस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा। केजरीवाल के वकील ने अदालत को बताया कि बॉन्ड भर दिया गया है। इसके बाद अदालत ने उसे स्वीकार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत दे दी।

AAP पार्टी के लीगल हेड संजीव नासियार ने कहा, “अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तलब किया था। पिछली बार जब उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें भाग लिया तो जब उन्हें दोबारा निर्देशित किया गया तो उन्होंने कहा कि वह शारीरिक रूप से उपस्थित होंगे। वे आज पेश हुए और बेल बॉन्ड जमा किया। ज़मानत मंजूर हो गई…”

 

 

AAP पार्टी के लीगल हेड संजीव नासियार ने कहा, “ED के समन के संबंध में हमारा रुख स्पष्ट है कि वे कानून के अनुरूप नहीं हैं और अवैध हैं। अब ये कोर्ट तय करेगी… हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। अदालत जो भी निर्णय लेगी, हमारा निर्णय उसी के अनुरूप होगा…”

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