Tuesday, June 17, 2025
Homeशहर और राज्यउत्तर प्रदेशSambhal Update: जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ठुकराई FIR...

Sambhal Update: जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ठुकराई FIR रद्द करने की मांग

  • सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बड़ा झटका।
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ठुकराई एफआईआर रद्द करने की मांग।

Sambhal Update News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जियाउर्रहमान बर्क की एफआईआर रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया है, कोर्ट ने कहा कि पुलिस नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है। संभल की शाही जामा मस्जिद में 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सांसद के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग ठुकरा दी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर रद्द नहीं होगी और पुलिस की जांच जारी रहेगी। हालांकि, हाईकोर्ट ने पुलिस को फिलहाल सांसद बर्क को गिरफ्तार नहीं करने को कहा है।

हाईकोर्ट में सपा सांसद के मामले पर सुनवाई करते हुए एफआईआर रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया है, कोर्ट ने कहा है कि जिन धाराओं में सांसद बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें 7 साल से कम की सजा होती है। इस मामले में पुलिस सांसद बर्क को नोटिस जारी करेगी। नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है. सांसद बर्क को पुलिस की जांच में सहयोग करना होगा।

सपा सांसद को हाईकोर्ट से झटका

कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस के नोटिस देने पर बयान दर्ज करने के लिए सांसद बर्क नहीं आएंगे और पुलिस की जांच में सहयोग नहीं करेंगे तभी उनकी गिरफ्तारी होगी। कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने आदेश पर अमल करने को कहा है। बता दें, कि संभल में 24 नवंबर को मस्जिद सर्वे को लेकर भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने सपा के स्थानीय सांसद जिया उर रहमान बर्क को आरोपी नंबर एक बनाया है, उनके खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद सांसद बर्क ने एफआईआर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और एफआईआर रद्द किए जाने की गुहार लगाई थी।

इस मामले पर जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस अजहर हुसैन इदरीसी की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सांसद जिया उर रहमान बर्क की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्लाह और सैयद इकबाल अहमद ने दलीलें पेश की और बताया कि जिस दिन हिंसा भड़की थी वो शहर में मौजूद नहीं थे। यूपी सरकार की तरफ से शासकीय अधिवक्ता एके संड ने पक्ष रखा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments