जाग्रति विहार में बागेश्वर धाम के मुख्य आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा शुरू
बोले सभी को शिव बनाकर जाऊंगा
शारदा रिपोर्टर मेरठ। जागृति विहार में शुरु हुई हनुमंत कथा दिव्य दरबार में बागेश्वर धाम के मुख्य आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कथा की शुरूआत श्री राम जय जय राम आरती से की। उनके साथ भक्तों ने भी आरती गाई। आरती के बाद पूरे पंडाल में जय जय राम की जयकार सुनाई दी। उन्होंने कहा कि मेरठ से शुरु होगा हिंदू राष्ट्र बनाने का अभियान।
कथा सुनने के लिए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार जैसे प्रदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री की वेस्ट यूपी में यह पहली कथा है।
कथा में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- मेरठ से ही 1857 की क्रांति की शुरूआत हुई। हमारा सौभाग्य है कि मेरठ आने का मौका मिला। 5 दिनों तक कथा में सबको हम शिव बनाकर जाएंगे। आज की कथा का सूत्र है, मस्त रहो। व्यस्त रहो, मस्त रहो। जो मस्त रहता है, उसके पास सब होता है।
कहा- जीवन में संगत का बहुत असर पड़ता है, जैसी संगत में रहोगे, वैसा ही आपका चरित्र होगा। हनुमान जी की संगत में रहो। हनुमान जी की संगत से विभीषण को श्री राम मिले। सुग्रीव को श्री राम मिले। ऐसे में हनुमान जी की संगत में रहोगे तो श्रीराम मिलेंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- जो हनुमान जी की भक्ति करेगा, वह तोड़ने का काम नहीं करेगा। वह सबको जोड़ने का काम करेगा। हनुमान जी ने विभीषण को राम से जोड़ा, जानकी माता का थोड़ा सा बिखराव हो गया तो फिर से जोड़ा, सुग्रीव और अंगद जी को जोड़ा। मेरठ वालों को बागेश्वर धाम से जोड़ दिया।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- किसी को बुरा लगे तो हाजमोला की गोली खा लेना। औरंगजेब तोड़ने वाला है। हनुमान जी के भक्त तो जोड़ने वाले हैं। तोड़ने वाले वह हैं जो फूट चाहते हैं और जोड़ने वाले वह हैं जो हनुमान जी को चाहते हैं। हनुमान जी से संघर्ष करना सीखो। हनुमान जी से सीखो कि हमें तोड़ना नहीं, लोगों को जोड़ना है। विनम्रता हम लोगों का गुण होना चाहिए। विनम्रता आएगी तो सम्मान होगा। अहंकार आएगा तो अपमान होगा। कहा- उन्होंने कहा कि आजकल अमीर उन्हें माना जाता है। जिनके घरों में बड़े-बड़े कुत्ते बंधे हों। बड़े वो होते हैं जो जिनके माता पिता उनके घरों में होते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- संगत का बहुत असर पड़ता है, जैसी संगत में रहोगे, वैसा ही आपका चरित्र होगा। हनुमान जी की संगत में रहो। हनुमान जी की संगत से विभीषण को श्री राम मिले। सुग्रीव को श्री राम मिले। ऐसे में हनुमान जी की संगत में रहोगे तो श्रीराम मिलेंगे।
मेरठ का बच्चा बोला- मास्टर हिम्मत है तो पास करके दिखा
चुटकी लेते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने एक कहानी सुनाई। कहा कि एक बच्चे ने पेपर में लिखा कि मास्टर, तुझमें दम है तो पास करके दिखा। मास्टर ने पता किया तो सामने आया कि वह बच्चा मेरठ का है। यह सुनकर पंडाल में बैठे लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे। भजनों के बीच तालियों की गड़गड़ाहाट से पंडाल गूंज उठा।
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा जो अमंगल को मंगल करे, वह हनुमान जी का भक्त। उन्होंने कहा कि अगर कुंडली में मंगल दोष है तो हनुमान जी के रोज दर्शन करो। हनुमान जी की उपासना करो। अमंगल टूट जाएगा। हनुमान जी का जीवन मंगलकारी है। अगर आप हनुमान जी का जाप करोगे तो आपके घर में होने वाला अमंगल टूट जाएगा।
मेरठ शिव नगरी
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा मेरठ शिव नगरी है। ये मंदिरों की नगरी है। मेरठ वीरों की भूमि, पांडवों की भूमि है। मेरठ खेल की भूमि, कैंची की भूमि है। मेरठ से ही 1857 की क्रांति की शुरुआत है। हमारा सौभाग्य है कि मेरठ आने का मौका मिला