विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने नाम का प्रस्ताव रखा
एजेंसी , नई दिल्ली। दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी होंगी। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है। बैठक में सीएम केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। केजरीवाल के प्रस्ताव को सर्व सहमति से स्वीकार कर लिया गया। वहीं आज शाम को अरविंद केजरीवाल एलजी से मिलकर पद से इस्तीफा देंगे।
आतिशी को विधायक दल की बैठक में विधान दल का नेता चुन लिया गया है। बैठक में अरविंद केजरीवाल ने ही मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा था। विधायकों ने भी आतिशी के नाम का स्वागत किया। इसी हफ्ते आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं। आतिशी आम आदमी पार्टी की सीनियर नेताओं में शामिल हैं। उन्हें अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को शिक्षा मंत्रालय समेत कई बड़ी जिम्मेदारी दी गईं थी। वो दिल्ली के कालकाजी से विधायक हैं।आतिशी आम आदमी पार्टी की नेता और मंत्री हैं।
आतिशी ने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। आतिशी फिलहाल दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनके पास दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में काम कर रही हैं। आतिशी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का खास माना जाता है। आतिशी ने 2012 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान राजनीति में कदम रखा और आम आदमी पार्टी की नींव रखने वाले लोगों में शामिल रहीं। इससे पहले विधायक दल की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने की रेस में अब सबसे ऊपर आतिशी का नाम सामने आ रहा था। वहीं सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सीएम पद लेने से मना कर दिया था। इसके अलावा दिल्ली का मुख्यमंत्री तय होने के बाद 26 और 27 सितंबर को विधानसभा सत्र भी बुलाया जाएगा। बता दें कि आतिशी के अलावा सौरभ भारद्वाज और कैलाश गहलोत का नाम भी सामने आया था।
मर्यादा नहीं मजबूरी का फैसला
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना मर्यादा का पालन नहीं, बल्कि मजबूरी में लिया गया फैसला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल के शासन में दिल्ली सरकार का कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है।
देश में बनी महिला मुख्यमंत्री
सुचेता कृपलानी,नंदिनी सत्पथी, शशिकला काकोडकर, अनवरा तैमुर, वीएन जानकी, जे जयललिता, मायावती, राजिंदर कौर भट्टल, सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित, उमा भारती, वसुंधरा राजे,ममता बनर्जी, आनंदीबेन पटेल, महबूबा मुफ्ती।