Home Meerut सब मिलावटी, 481 में से 278 सैंपल फेल, 4.5 करोड़ तक का...

सब मिलावटी, 481 में से 278 सैंपल फेल, 4.5 करोड़ तक का जुमार्ना

0

मेरठ। जनपद में मिलावटी खाद् पदार्थों को लेकर लगातार कार्रवाई होती रहती है, लेकिन बावजूद इसके मिलावट का खेल बदस्तूर जारी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने आंकड़े जारी करते हुए बड़ा खुलासा किया है।

 

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की एक जनवरी 2023 से लेकर 31 दिसंबर 2023 तक की रिपोर्ट में 57.80 प्रतिशत नमूने फेल निकले हैं। इस दौरान खाद्य पदार्थों के 481 नमूने लिए गए, जिनमें 278 मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। 193 अधोमानक, 61 असुरक्षित और 24 नकली निकले।

 

नमूने पनीर, दूध, बेसन, घी, कचरी, सॉस, तेल, नमकीन और मिठाइयों आदि के हैं। कचरी और सॉस में खरनाक रंग मिलाए गए थे, जबकि दूध, घी और पनीर में अलग से फैट मिलाया गया था। बेसन में भी केमिकल की मिलावट निकली है।

 

मिठाइयों को चमकाने के लिए ज्यादा मात्रा में फूड कलर मिलाया गया था। सरसों के तेल में पाम आयल निकला। मिलावट करने वालों के खिलाफ कोर्ट ने 4 करोड़, 40 लाख 10 हजार रुपये जुमार्ना भी लगाया है, हालांकि मिलावटखोर फिर भी सुधर नहीं रहे हैं, क्योंकि अक्सर ज्यादातर खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट मानकों पर खरी उतरती है।

जिम्मेदार हैं लापरवाह

प्रशासनिक कार्यप्रणाली बहुत ही लापरवाहीपूर्ण है, जिसके कारण मिलावटखोरों पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं कस पाता है। मिलावट के लगभग सभी मामलों में जुमार्ना लगता है, सजा नहीं हो पाती है। जिले में पिछले पांच साल में सजा का कोई मामला नहीं है। हालांकि, भारतीय दंड संहिता में मिलावटखोरों पर कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन मिलावट से संबंधित 90 फीसदी मामले प्रशासनिक कोर्ट में स्थानांतरित हो जाते हैं, जिस कारण वह न्यायालय की कार्रवाई से बच जाते हैं।

विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं। खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाते हैं और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है। शिव कुमार, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, एफएसडीए

जो नमूने असुरक्षित पाए जाते हैं उनमें एफआईआर दर्ज कराई जाती है। इनमें 6 माह से लेकर आजीवन कारावास तक सजा का प्रावधान है। तीन लाख तक जुमार्ना लगाया जा सकता है। – दीपक सिंह, अभिहित अधिकारी, एफएसडीए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here