शारदा न्यूज़, मेरठ। नागा बाबा ट्रस्ट और नगर निगम के बीच सफाई व पैमाइश को लेकर शुरू हुए विवाद ने अब भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने एडीएम वित्त व राजस्व सूर्यकांत त्रिपाठी व अपर आरोप लगाया कि ये आधिकारी व्यवहार शून्य है। उच्चधिकारियों के आदेश पर सुनवाई के बजाय संबंधित को अदालत जाने व मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दे रहे है। दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
बुधवार शाम को राज्यसभा सदस्य व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लक्षमीकान्त बाजपेयी ,भाजपा के महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज, महापौर हरिकांत अहलूवालिया ,कैंट विधयक अमित अग्रवाल, विधन परिषद सदस्य धर्मेंद्र भारद्वाज व डॉ. सरोजनी अग्रवाल, पूर्व विधयक सत्यप्रकाश अग्रवाल व कमल दत्त शर्मा जिलाधिकारी दीपक मीणा के शिविर कार्यालय पर पहुंचे। उनके साथ ट्रस्ट के पदाधिकारी भी थे।
सुरेश जैन ऋतुराज ने बताया कि सूरजकुंड श्मशान घाट के पास नागा बाबा ट्रस्ट की जमीन है। उसकी सफाई कराने के लिए महापौर ने डेढ़ महीने पहले मशीनें भिजवाई थीं। तभी नगर निगम की ओर से लेखपाल व अन्य कर्मचारी पहुंच गए और उसे नगर निगम की जमीन बताते हुए सफाई बंद करा दी। ट्रस्ट की ओर से विवाद निस्तारित करने के लिए जमीन की पैमाइश की मांग करते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया। उस पत्र के आधार पर जिलाधिकारी ने एडीएम प्रशासन को बैठक के लिए निर्देशित किया। एडीएम प्रशासन ने एडीएम वित्त सव अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय को बैठक के लिए पत्र लिखा।
ऋतुराज ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व ट्रस्ट के पदाधिकारी बृजभूषण गर्ग, अमित जिंदल, राजगोपाल आदि के साथ बैैठक हुई। इसमें दिखाया गया, लेकिन एडीएम वित्त व अपर नगर आयुक्त ने पक्ष सुनने के बजाय एफआइआर कराने की धमकी दी। अभद्र व्यवहार किया। पैमाइश की सुनवाई करने के बजाय यह कहा कि पैमाइश के लिए अदालत जाओ।
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जब ऐसे अधिकारी शहर के गणमान्य लोगों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं तो आम लोगों का क्या होगा उन्होंने डीएम से इस मामले में हस्त्क्षेप कर कार्रवाई का आग्रह किया। एडीएम वित्त व राजस्व सूर्यकांत त्रिपाठी व अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय से इस बाबत बातचीत हुई तो उन्होंने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।