मेरठ: 28 साल बाद हत्या के मुकदमे में आरोपियों को सजा मिली है। अदालत ने आरोपी को 7 साल की सजा और 6 हजार रुपए का अर्थदंड दिया है।
मेडिकल थाने पर 1995 में दर्ज हुए हत्या के मुकदमे में अब फैसला आया है। 23 नवंबर 1995 में मेडिकल थाना क्षेत्र के शेरगढ़ी में रामनिवास पुत्र जगदीश प्रसाद ने थाने में तहरीर दी थी।
रामनिवास ने बताया कि उसके भाई महेश चंद को बल्लों से पीट पीटकर मार डाला गया। उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में थाने पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा लिखा गया। आरोपी प्रमोद, नरेश पुत्र निहार सिंह जो शेरगढ़ी के ही रहने वाले थे दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद से मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था। 28 साल बाद अब मामले में फैसला आया है। मामले में एडीजे 5 ने नरेश को दोषी पाते हुए उसे 7 साल की कैद और 6हजार रुपए का जुमार्ने की सजा सुनाई है।