शारदा रिपोर्टर मेरठ। महाभारत काल से जुड़ा परीक्षितगढ़ अब अपनी एक नई पहचान बना रहा है। यहां ग्रामीण विकास के तहत कई अनोखे कार्य हो रहे हैं, जो पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। कुछ ऐसा ही नजारा मेरठ के खजूरी गांव में भी देखने को मिल रहा है, जहां तालाब के किनारे बर्ड सेंचुरी बनाई जा रही है। यह बर्ड सेंचुरी उन लोगों के लिए खास होगी, जो मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक के साथ प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं।
यहां देशी-विदेशी पक्षियों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। परीक्षितगढ़ ब्लॉक के एडीओ पंचायत रामनरेश ने बताया कि, यह प्रोजेक्ट प्रदेश में अपनी तरह का पहला है और इसे पूरी तरह से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है।
पर्यटन को मिलेगा नया रूप
एडीओ पंचायत रामनरेश ने बताया कि परीक्षितगढ़ किले को महाभारत काल से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों में गिना जाता है। यहां पहले से ही देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं। अब इस बर्ड सेंचुरी के बनने से क्षेत्र को एक नया पर्यटन स्थल मिलेगा। खजूरी गांव में तालाब के किनारे विशेष रूप से पक्षियों के लिए आधुनिक घोंसले बनाए गए हैं।
महिला प्रधान निभा रही अहम भूमिका
ग्राम प्रधान अफसाना का कहना है कि, पक्षियों की चहचहाहट लोगों को बहुत पसंद आती है। जब विदेशी पक्षी हस्तिनापुर सेंचुरी क्षेत्र में आते हैं, तो दूर-दूर से लोग उन्हें देखने पहुंचते हैं। इसी उद्देश्य से ब्लॉक प्रशासन और ग्राम निधि के सहयोग से इस सेंचुरी का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, अभी इसका निर्माण कार्य जारी है, लेकिन फिर भी स्थानीय लोग और पर्यटक यहाँ घूमने और सेल्फी लेने के लिए पहुंच रहे हैं।
10 लाख की लागत, हर सुविधा का ध्यान
करीब 10 लाख रुपये की लागत से इस बर्ड सेंचुरी को विकसित किया जा रहा है। इसमें हजारों नए पेड़ लगाए गए हैं, जो जल्द ही अपने पूरे आकार में दिखाई देंगे। इसके अलावा, यहाँ घूमने के लिए विशेष ट्रैक, पक्षियों के लिए जल स्रोत, घोंसले और भोजन व्यवस्था भी की गई है, ताकि यह सेंचुरी प्राकृतिक वातावरण को संजोए रखे।