मेरठ – मेरठ में साइबर ठगों द्वारा 3.10 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने वाट्सअप के जरिये ट्रेडिंग में मोटे मुनाफा का झांसा देकर दंपती से मोटी रकम ठगी है।
मेरठ के गंगासागर कॉलोनी निवासी रिटायर्ड दंपती ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत करते हुए बताया कि उनके पास अनाया शर्मा नाम की महिला और रितेश जैन नाम के युवक के लगातार कई बार वाट्सअप कॉल और मैसेज आये। दोनों ने शेयर ट्रेडिंग में बड़ा मुनाफा दिलाने का झांसा दिया।
बार बार कॉल कर अनुरोध करने के बाद ए के अग्रवाल ने 26 सितंबर को ब्रांडीवाइन ग्लोबल कंपनी में HNI (हाई नेटवर्थ इन्वेस्टमेंट) अकाउंट खोल लिया। शुरूआत में उन्होंने 50 हजार रूपए का इन्वेस्ट किया। इसके बाद वे और इन्वेस्टमेंट करने लगे। इस तरह उन्होंने 10 अक्टूबर तक 22 ट्रांजैक्शन में 1 करोड़ 73 लाख 25 हजार रूपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
इतना ही नहीं ए के अग्रवाल की पत्नी अंजना अग्रवाल ने बताया कि एक खाता 3 अक्टूबर को अनाया शर्मा और रितेश जैन के अनुरोध पर फिर से खोला उन्होंने शुरू में 1.5 लाख रूपए ट्रांसफर किए। इसके बाद 13 अन्य ट्रांजैक्शन के जरिए 1 करोड़ 37 लाख 56 हजार रूपए बताए गए खातों में ट्रांसफर किए गए।
ए के अग्रवाल ने बताया कि जब उन्हें अपने इन्वेस्टमेंट की जानकारी नहीं मिली तो, उन्हें ठगी का शक हुआ। जिसके बाद उन्होंने अनन्या शर्मा से संपर्क किया तो उसने सेबी से संपर्क करने को कहा। लेकिन खाते के बारे में उन्हें कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गयी। और इस तरह उलझाते रहे। इसके बाद दंपती ने अपने पैन कार्ड नंबर से जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनके नाम पर कोई शेयर आवंटित हुए ही नहीं है।
पीड़ित दंपती ने बताया कि उनके खाते में 9 लाख 52 हजार 74 रुपए फ्रीज कर दिए गए। उन्हें 22 अक्टूबर को बताया गया कि वह 31 अक्टूबर तक अपने शेयर बेच नहीं सकते। इन शेयर्स की कोई डिटेल भी नहीं मिली वो केवल 10 लाख रुपए ही निकाल पाए।
उन्होंने यह भी बताया गया कि उन्हें हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड आदि के शेयर आवंटित किए गए, जो वर्तमान में ब्रांडीवाइन ग्लोबल के पास हैं। उनके खाते में 9 लाख 97 हजार 784 रुपए फ्रीज कर दिए गए। वह अपने शेयर 31 अक्टूबर तक नहीं बेच सकती हैं। वह भी केवल 1 लाख 88 हजार 300 रुपए ही अपने खाते से निकाल पाईं।
शिकायत मिलने पर एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। ट्रांसफर हुई रकम फ्रीज करने के लिए बैंकों को रिपोर्ट भेजी गई है।