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Wednesday, December 3, 2025
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यातायात नियमों का उल्लंघन; निजी वाहनों में डेशबोर्ड पर पुलिस कैप रखकर चल रहे पुलिसकर्मी

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– निजी वाहनों में डेशबोर्ड पर पुलिस कैप रखकर चल रहे पुलिसकर्मी कर रहे नियमों का उल्लंघन।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। ट्रैफिक नियमों के पालन में पुलिस आम जनता पर लगातार सख्ती कर रही है। लेकिन अपने ही विभाग के लोगों को अभयदान दे रही है। जबकि सड़कों पर लगातार यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए ये पुलिसकर्मी रोजाना देखें जा सकते हैं।

 

जनता पर नियम तमाम, पुलिस वाले बेलगाम !

निजी कार के डेसबोर्ड पर पुलिस कैप रखकर चलना प्रतिबंधित है। लेकिन शहर में किसी मार्ग पर कार के डेशबोर्ड पर पुलिस कैप रखकर चलते वाहन रोजाना देखे जा सकते हैं। यह कैप इस बात की गारंटी है कि आप किसी भी ट्रैफिक नियम का उल्लंघन कर लें, लेकिन आपका मैनुअल चालान नहीं होगा। क्योंकि यह कैप यातायात नियमों का पालन कराने वाली पुलिस के लिए स्टॉफ का सिंबल है।

 

 

अधिकांश पुलिस कैप उन कारों के भीतर रखी होती है, जो पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं या दूर रहकर नौकरी कर रहे हैं। लेकिन उनकी यह कैप उनके परिजनों का सुरक्षाकवच होती है। इस कैप को रखने के बाद आप सारे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं और पुलिस आपको नहीं रोकेगी। न ही इन वाहनों की रास्ते में जांच की की जाएगी। यह बात अलग है कि कभी-कभी किसी बड़े अधिकारी के मौके पर मौजूद होने से ये लोग फंस जाते हैं।

 

 

गैरजनपद की गाड़ियों पर झपटते हैं पुलिस वाले: हाल ये है कि यदि पुलिस कैप लगी गैरजनपद के रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ी भी आ जाए, तो पुलिस उसे नहीं रोकती है। लेकिन यदि यह गाड़ी आम जनता की हो तो ट्रैफिक नियंत्रण छोड़कर चौराहे की पूरी पुलिस इस गाड़ी को रोकर कागजात चैक करने से लेकर पूछताछ में जुट जाती है।

 

 

अपराधों को दे रहे हैं बढ़ावा

सूत्रों की मानें तो पुलिस कैप रखकर लोग चोरी के वाहन या अधूरे कागजात के साथ वाहन लेकर चल रहे हैं। इन वाहनों की यदि गहनता से जांच की जाए तो अधिकांश वाहनों के पास जरूरी इंश्योरेंस, प्रदूषण जैसे कागजात नहीं मिलेंगे।

 

 

पुलिस साधे रहती है चुप्पी

पुलिस कैप लगी कारों के शीशे पर यदि काली फिल्म भी चढ़ी हो तो उन्हें नहीं रोका जाता है। ऐसे वाहनों को पुलिस जाने देती है। स्पष्ट देखने के बाद भी इन वाहनों को अभयदान दिया जाता है। जबकि आम जनता के वाहन को रोककर उससे वसूली से लेकर उसका मानसिक शोषण तक किया जाता है।

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