Thursday, October 30, 2025
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मेरठ: 34 वें व्यास समारोह का समापन, सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया

शारदा रिपोर्टर मेरठ। 23 अक्टूबर 2025 से चल रहे व्याससमारोह का आज दिनांक 29 अक्टूबर 2025 को समापन समारोह का आयोजन किया गया। समापन कार्यक्रम को वैदिक मंगलाचरण के साथ दीपप्रज्ज्वलन से शुरू किया गया। समापन समारोह के अवसर पर चौधरी चरण विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० संगीता शुक्ला उपस्थित रही।

 

 

कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में प्रो. संगीता शुक्ला कुलपति चौ.च.सिं.वि.वि.मेरठ, सारस्वतातिथि के रूप में वरिष्ठ प्रो. मृदुल गुप्ता व पद्मश्री प्रो० अभिराजराजेन्द्र मिश्र, प्रणेता प्रो० सुधाकराचार्य त्रिपाठी, विशिष्टातिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव अनिल कुमार यादव, वित्त अधिकारी रमेश चन्द्र एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भूपेन्द्र राणा सम्मिलित हुए। गुजरात वि.वि. अहमदाबाद के संस्कृत विभाग की अध्यक्ष प्रो. मयूरी भाटिया ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

विश्वविद्यालय की कुलपति महोदया ने अपने उद्‌बोधन में कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी को साधुवाद दिया। एवं 34 वर्षों से निरंतर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की भूरिश: प्रशंसा की। संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ० प्रशान्त शर्मा ने सभा के समक्ष सप्तदिवसीय व्यास समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

 

 

कार्यक्रम की संयोजयित्री डॉ. सन्तोष कुमारी द्वारा गत दिवसों में 34वे व्यास समारोह में आयोजित की गई प्रतियोगिताओं में विजेताओं के नामों की घोषणा की। मंचस्थ महानुभावों ने विजेता प्रतिभागियों को चलवैजयन्ती, पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये। विजेताओं को सम्मानित करने का समस्त उपक्रम विभाग के समन्वयक प्रो. वाचस्पति मिश्र के कुशल नेतृत्व में सम्पन हुआ।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं वित्ताधिकारी ने अपने उद्‌बोधन में समाज में संस्कृत की आवश्यकता पर बल देते हुए समाज के नैतिक विकास के लिए संस्कृत को आवश्यक बताया। कार्यक्रम के प्रणेता प्रो. सुधाकराचार्य त्रिपाठी ने समधुर ध्वनि में कनकमन्जरी छन्दोबद्ध रचना का गायन किया।

कार्यक्रम में सारस्वतातिथि के रूप में मंचासीन प्रो. अभिराजराजेन्द्र मिश्र ने व्यास समारोह में छन्दोमयी शैली की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को अन्य वि.वि. में मूर्धन्य बताया। मिश्र महाभाग ने संस्कृत भाषा की जीवन्तता को प्रकट करते हुए एक लघु संस्कृतगीत प्रस्तुत किया। प्रो. मयूरी भाटिया ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी को साधुवाद देते हुए भारतीय विद्या को मानव-जीवन की आधारभूत विद्या बताया।

कार्यक्रम के अन्त में प्रो. पूनम लखनपाल ने व्यास समारोह की सफलता को व्यक्त करती हुई कनकमंजरी छन्दोबद्ध रचना प्रस्तुत की।

अन्त में डॉ. प्रशान्त शर्मा ने व्यास समारोह में आयोजित कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण, प्रणेता, आयोजन-समिति, व समन्वयक की प्रशंसा में कनकमंजरी छंदोबद्ध रचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का सञ्चालन संयोजयित्री डॉ. सन्तोष कुमारी के किया।

 

 

समारोह में डॉ. राजबीर, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. ओमपाल सिंह, तुषार गोयल, डॉ.रक्षिता, मनीष स्वामी, साहिल तरीका, शुभम, प्रिंस, सृष्टि, गौतम, अंशिका, स्वाति, शिवानी, अदिति, इशिका, उज्जवल, अक्षय, टीना, मोहित, विष्णु, शिवानी, पायल, सुमित, बबलू आदि का सहयोग रहा।

 

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