– आवास विकास ने जारी किया नोटिस, 15 दिन में दुकानें खाली करने का दिया समय।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट के 661/6 पर बने अवैध कॉम्प्लेक्स पर लगातार दो दिन की कार्रवाई के दौरान उसे पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया। अब सेंट्रल मार्केट के 31 अन्य परिसर मालिकों को आवास विकास परिषद ने नोटिस जारी कर 15 दिन में दुकानें खाली करने का समय दिया है।
इन घटनाओं से व्यापारियों में भारी रोष है। सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा कर दी। इस दौरान वहां भारी मात्रा में पुलिस तैनात रही। वहीं, सेंट्रल मार्केट में व्यापारियों का सहयोग करने के लिए विभिन्न व्यावसायिक दल भी लगातार मौके पर पहुंच रहे हैं।
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सेंट्रल मार्केट के 661/6 पर बने कॉम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त किए जाने और मार्केट के 31 परिसर में बनी 90 दुकानों को 15 दिन में खाली करने के नोटिस दिए जाने से व्यापारी बहुत नाराज हैं। इस कार्रवाई के विरोध में सोमवार को व्यापारियों ने सेंट्रल मार्केट के अलावा सेक्टर 1 और 2 की सभी दुकानें बंद रखीं। सेन्ट्रल मार्केट व्यापार संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर शांति मार्च निकाला।
इस मामले में दुकानदार जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि दुकानें अनिश्चित समय के लिए बंद की गई हैं। उनकी मांग है कि, अब किसी दुकान पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न की जाए। इन दुकानों को रेगुलराइज किया जाए। व्यापारियों ने नारेबाजी करते भगत सिंह मार्केट पहुंचे। जहां व्यापारियों से सहयोग मांगते हुए भगत सिंह मार्केट भी बंद करा दिया। बाजार बंदी की सूचना पर भारी मात्रा में पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान भगत सिंह मार्केट में सभा करते हुए व्यापारियों ने आरोप लगाया कि मेरठ से लेकर चंदौसी तक लगातार अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों को उजाड़ा जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अधिकारी एक्शन में: सरकार भले ही प्रदेश में भाजपा की हो, लेकिन अब भाजपाई ही अपना वोट बैंक बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। हाल ये है कि उनकी सरकार के अधिकारी ही इस पूरे मामले में राहत देने से हाथ खड़ा कर चुके हैं। शास्त्रीनगर के सेक्टर छह से लेकर दो और तीन में चिन्ह्ति 31 निर्माण अब गिराने की तैयारी में आवास एवं विकास परिषद जुट चुका है। क्योंकि इन सभी के ध्वस्तीकरण का टेंडर निकालकर आवास एवं विकास परिषद अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दे चुका है। ऐसे में अब आवास एवं विकास परिषद के साथ ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना में खुद को नहीं फंसने देना चाहते हैं।
बन रहे हैं टकराव के आसार
आवास एवं विकास परिषद शनिवार से रविवार के बीच जिस तरह भवन संख्या 661/6 को ध्वस्त किया है। उसके बाद व्यापारियों का आक्रोश भड़क गया है। हालात ये है कि शास्त्रीनगर के पीड़ित व्यापारी ही नहीं बल्कि पूरे शहर का व्यापारी एकजुट हो गया है। ऐसे में आगामी कार्रवाई के दौरान कहीं न कहीं टकराव के आसान भी बनते नजर आ रहे हैं।
विपक्षियों ने बना लिया मुद्दा
सेंट्रल मार्केट और उससे पहले तेजगढ़ी चौराहा पर नाक रगड़वाने वाले मामलों पर भाजपा बैकफुट पर है। तेजगढ़ी मामले में तो फिर भी भाजपा ने अपने केडर वोट बैंक व्यापारी वर्ग में अपनी साख बचा ली, लेकिन सेंट्रल मार्केट में उसे कोई रास्ता सुझाई नहीं दे रहा है।

