Thursday, October 30, 2025
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आंखों में जलन, सांसों में घुटन ये ‘तूफान’ सा क्यों है…

-दिवाली के बाद अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की भीड़, ज्यादातर मरीज सांस और आंखों के इंफेक्शन के पहुंचे।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। दीपावली के बाद प्रदुषण के कारण मंगलवार को सुबह से ही अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई। एलर्जी , इंफेक्शन और सांस के मरीजों की समस्या प्रदूषण ने बढ़ा दी है । दीपावली से पहले ही AQI 300 तक पहुंच गया था जो बाद में प्रदूषण और धुएं के कारण और भी बढ़ गया।

 

 

जिला अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि बदलते मौसम और बढ़ते प्रदुषण के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण सांस के मरीजों में सांस लेने मेंं दिक्कत आना, सांस फूलना जैसी समस्या हो रही है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने बताया कि बढ़ते प्रदुषण से लोगों की आंखें प्रभावित हो रही हैं। आंखें में लाली, खुजली या कुछ आंख में लगने से कई बार घाव भी हो जाता है ऐसे मरीज भी अब ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

सांस के मरीज क्या बरते सावधानियां

  • बाहर निकलते समय ठ95 या ठ99 मास्क का प्रयोग करें ताकि धूल और धुआं फेफड़ों में न जाए।
  • सुबह के समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है, इसलिए वॉक या एक्सरसाइज दिन में देर से करें।
  • घर में एयर प्यूरिफायर या पौधे लगाएं: तुलसी, एलोवेरा और स्नेक प्लांट जैसे पौधे हवा को साफ करते हैं।
  • दिन में दो बार भाप लें और पर्याप्त पानी पिएं ताकि गले और फेफड़ों की नमी बनी रहे।
  • जिन लोगों को दमा या सीओपीडी जैसी बीमारियां हैं, वे इनहेलर या दवाएं डॉक्टर की सलाह लें।

आंखों के मरीजों के लिए सावधानी

  • बाहर निकलते समय चश्मा पहनें, धुआं और पटाखों की चिंगारी से आंखों की रक्षा के लिए सनग्लास या प्रोटेक्टिव ग्लास लगाएं।
  • आंखों में दिन में 2-3 बार ठंडे पानी से आंखें धोएं ताकि जलन और एलर्जी से राहत मिले।
  • डॉक्टर द्वारा सुझाए गए लुब्रिकेंट ड्रॉप्स का प्रयोग करें ताकि सूखापन न हो।
  • अगर जलन या खुजली हो तो आंखें मलने की बजाय साफ कपड़े या रूमाल से धीरे से पोंछें।
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